रुबैया सईद ने आतंकी यासीन मलिक को बतौर अपहरणकर्ता के रूप में पहचाना, जानें पूरा मामला
रुबैया सईद का 8 दिसंबर 1989 को लाल डेड अस्पताल के पास अपहरण कर लिया गया था। रुबैया सईद की रिहाई के बदले में केंद्र में भाजपा द्वारा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा किया था।;
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammed Sayeed) की बेटी रुबैया सईद (Rubaiya Sayeed) 1989 के अपने अपहरण से जुड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश हुईं। रुबैया सईद ने जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक (JKLF chief Yasin Malik ) और तीन अन्य को अपने अपहरणकर्ताओं के रूप में पहचाना है। रुबैया सईद का 8 दिसंबर 1989 को लाल डेड अस्पताल के पास अपहरण कर लिया गया था। रुबैया सईद की रिहाई के बदले में केंद्र में भाजपा द्वारा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा किया था। अपहरणकर्ताओं ने रुबैया सईद को आतंकियों की रिहाई के पांच दिन बाद रिहा किया था।
रुबैया सईद शुक्रवार को सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश हुईं। अधिकारियों ने बताया कि अपहरण के मामले की जांच सीबीआई ने 1990 की शुरुआत में शुरू की थी। यह पहली बार है जब रुबैया सईद को मामले के संबंध में अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तमिलनाडु में रहने वाली रुबैया सईद को अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है। प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख यासीन मलिक इस मामले में एक आरोपी है। यासीन को हाल ही में टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
कोर्ट में क्या हुआ?
कोर्ट में शुक्रवार को रुबैया सईद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में मौजूद यासीन मलिक की पहचान अपहर्ता के तौर पर की। रूबैया ने न्यायाधीश से कहा, यह वही व्यक्ति है और उसका नाम यासीन मलिक है। यासीन वही व्यक्ति था जिसने मुझे धमकी दी थी कि अगर मैंने उनके आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया तो वह मुझे मिनीबस से बाहर फेंक देगा। रुबैया ने अदालत में प्रदर्शित तस्वीरों के माध्यम से यासीन मलिक की पहचान भी की है।
यासीन मलिक जिसे हाल ही में आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वही इस मामले के 10 आरोपियों में शामिल था। मामले में सीबीआई द्वारा आरोपित अन्य लोगों में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद गंद्रू, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक पहलू, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी शामिल हैं।