Afghanistan Crisis पर भारत ने किया रूख स्पष्ट, UNSC में कहा- आतंकवाद से नहीं होना चाहिए समझौता

भारत ने आतंक का समर्थन करने वाले देशों को दो टूक जवाब दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कुछ देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश में हैं, लेकिन इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।;

Update: 2021-08-19 16:00 GMT

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की उच्च स्तरीय बैठक (High Level Meeting) में भारत ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के हालात पर रूख स्पष्ट किया है। भारत ने कहा है कि आतंकवाद (Terrorism) बुराई है, जिससे दुनिया को कभी समझौता नहीं करना चाहिए। भारत (India) ने बढ़ते आतंकवाद को दुनिया के लिए खतरा बताते हुए इसके खिलाफ कारगर कदम उठाने की भी बात कही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने यूएनएससी की बैठक में 'आतंकवादी गतिविधियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरों' विषय पर बोलते हुए कहा कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क की बढ़ती गतिविधियां इस बढ़ती चिंता को सही ठहराती है। अफगानिस्तान हो या भारत, जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोस में आईएसआईएल खुरासन (ISIL Khurasan) और एक्टिव हो गया है। यह लगातार अपने विस्तार की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में घटित घटनाओं ने स्वाभाविक रूप से वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है। आतंकवाद से भारत को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह किसी भी रूप में हो, इसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज कुछ देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने में जुटे हैं, लेकिन दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। 

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