सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देशः 60 दिनों के भीतर बनाएं स्पेशल POCSO कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बच्चों के साथ यौन शोषण और अपराध के मामलों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट बनाएगी जहां 100 से अधिक मामले लंबित हैं। शीर्ष कोर्ट ने इसके लिए 60 दिन का समय दिया है।;
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बच्चों के साथ यौन शोषण और अपराध के मामलों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार को निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार देश के हर जिले में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट बनाएगी जहां 100से अधिक मामले लंबित हैं। शीर्ष कोर्ट ने इसके लिए 60 दिन का समय दिया है।
शीर्ष कोर्ट ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि पॉक्सो मामलों में फोरेंसिक साइंसेज लेबोरेटरीज ने परीक्षण रिपोर्ट जारी करने में देरी नहीं की है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से धन जारी किया जाना चाहिए।
बता दें कि बुधवार को राज्यसभा ने नाबालिगों के खिलाफ अन्य अपराधों के लिए कठोर दंड प्रदान करने, बच्चों पर यौन उत्पीड़न के लिए मृत्युदंड सहित पॉक्सो (POCSO) अधिनियम में संशोधन करने वाला एक विधेयक पारित किया।
अब इस बिल को मंजूरी के लिए लोकसभा में भेजा जाएगा। यौन अपरादों से बच्चों का संरक्षण संशोधन विधेयक, 2019 अश्लील साहित्य पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माना और कारावास का प्रावधान भी करता है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि सरकार 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट बना रही है जो विशेष रूप से पॉक्सो संबंधित मामलों से निपटेंगे।
उन्होंने कहा कि यह समझते हुए कि न्याय में देरी न्याय से वंचित करना है, सरकार ने 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट को मंजूरी दी है, जिन्हें विशेष रूप से उन मामलों को निपटाने के लिए बनाया जा रहा है जो पॉक्सो के तहत लंबित हैं।
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बहस का जवाब देते हुए कहा कि सरकार 1,023 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर रही है, जो विशेष रूप से POCSO संबंधित मामलों से निपटेंगे।
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