इन खास बीमारियों पर मिलती है टैक्स में छूट, जानें कौन उठा सकता है इसका पूरा लाभ
केंद्र सरकार हमेशा ही टैक्स धारकों को समय समय पर छूट देते रही हैं। हर टैक्स के सेक्शन के अलग नियम और छूट के प्रावधान। यदि आपके मन में भी यह सवाल आता हो कि क्या आप भी टैक्स छूट का लाख लेना चाहते हैं तो आपको बीमारी के नाम पर टैक्स में छूट मिल सकती हैं।;
केंद्र सरकार (Central Govt) हमेशा ही टैक्स धारकों (Taxpayer) को समय समय पर छूट देते रही हैं। हर टैक्स (Tax) के सेक्शन के अलग नियम और छूट के प्रावधान। यदि आपके मन में भी यह सवाल आता हो कि क्या आप भी टैक्स छूट (Tax Deduction) का लाख लेना चाहते हैं तो आपको बीमारी (Diseases) के नाम पर टैक्स में छूट मिल सकती हैं। इसके लिए आयकर कानून (Income Tax Law) के तहत सेक्शन 80डीडीबी (Section 80DDB) बनाया गया है। जो करदाताओं और हिन्दू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को टैक्स छूट देता है। इस छूट का लाभ करदाता ही नहीं बल्कि परिवार के आश्रित सदस्य के इलाज भी करवा सकता है। जिसे हम क्लेम कह सकते हैं। आप 5 तरीकों से डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।
डिडक्शन क्लेम से जुड़ी 5 अहम बातें....
1. कई प्रमुख बीमारियों के इलाज के लिए आयकर टैक्स सेक्शन धारा 80डीडीबी के तहत करतादा और एयूएफ खर्च में कटौती के लिए क्लेम कर सकता है।
2. करतादा स्वंय या आश्रितों के लिए जिसमें माता-पिता, भाई-बहन और पत्नी के इलाज के खर्च पर क्लेम कर सकते हैं। इसमें हिंदू अविभाजित परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
3. इस तरह की कटौती कई चीजों पर निर्भर करती है जिसमें आश्रित शख्स की उम्र कितनी है, जो उसके इलाज पर खर्च हुई है। इसमें जो भी रकम होगी उसका फायदा करदाता को मिलेगा। वहीं 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह रकम 40 हजार रखी गई है और उससे ऊपर की रकम एक लाख रुपये तक का क्लेम कर सकते हैं।
4. टैक्स की छूट की कुछ खास बीमारियों पर मिलता है। इसमें कैंसर, किडनी, मनोभ्रंश, वाचाघात, डिस्टोनिया मस्कुलोरम विकृति, पार्किंसंस, मोटर न्यूरॉन रोग आदि रोक पर यह छूट मिलती है।
5 अगर आपको कोई खास बीमारी है तो इसके लिए आपके पास किसी सरकारी या निजी अस्पताल में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर से बीमारी का सर्टीफिकेट देना होता है।
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