Sheila Dikshit: नई दिल्ली की शिल्पकार शीला दीक्षित को इन कामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा
दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक सबसे लंबा शासन करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन बीते शनिवार को दोपहर में हो गया। उनके शाशन काल में दिल्ली के विकास को हर कोई एक मिसाल मानता है। इसकी शुरुआत भाजपा के दिल्ली से आउट होने के बाद शुरू हुई।;
दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक सबसे लंबा शासन करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन बीते शनिवार को दोपहर में हो गया। उनके शाशन काल में दिल्ली के विकास को हर कोई एक मिसाल मानता है। इसकी शुरुआत भाजपा के दिल्ली से आउट होने के बाद शुरू हुई।
3 दिसंबर 1998 में को शीला दीक्षित ने जब दिल्ली की कमान समंभाली तो उन्होंने आगे वाली दिल्ली के लिए एक विकास का ब्लू प्रिंट तैयार कर दिया। उस वक्त दिल्ली ब्लू लाइन बस, सड़कों पर लगने वाला जाम और महंगाई की मार से जूझ रही थी।
दिल्ली में प्याज की कीमतों ने भाजपा को बाहर किया और कांग्रेस के रथ पर सवार शीला दीक्षित का स्वागत किया और फिर शुरू हुआ दिल्ली का विकास कार्य। उन्होंने उसी साल दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कमान मिली।
उन्होंने 1998 में सीएम बनते ही दिल्ली के विकास का ब्लू प्रिंट ऐसा बनाया की आज भी उनके इसी प्लान के तहत काम किया जाता है। सबसे पहले उन्होंने दिल्ली की सड़कों पर लगने वाले लंबे जाम के लिए फ्लाइओवर बनाए।
उसके बाद ब्लू लाइन को हटाया और क्लस्टर बसों का जमाना लेकर आईं। वहीं इसी दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के दौरान दिल्ली का चेहरा ही बदल गया। जगह जगह विकास काम हुए और कॉमनवेल्थ गेम्स की कामयाबी का ताज शीला दीक्षित के सर पर सजा।
इतना ही नहीं दिल्ली की मेट्रो लाइफ कही जाने वाली डीएमआरसी के साथ विकास काम का श्रेय भी उन्ही को जाता है। भाजपा ने इसकी शुरुआत की तो उन्होंने इस काम को तेज रफ्तार दी और 2009 तक दिल्ली में मेट्रो तेजी से आगे बढ़ी।
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