Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंकाई परिवार 12 साल बाद शरणार्थी के रूप में तमिलनाडु लौटा

किशनथन और उनकी पत्नी रंजीता अपने दो बच्चों के साथ शुक्रवार तड़के दनुशकोडी पहुंचे। रामेश्वरम में मंडपम पुलिस ने परिवार को हिरासत में ले लिया है।;

Update: 2022-04-08 06:23 GMT

श्रीलंका (Sri Lanka) में वर्तमान समय में आर्थिक संकट चल रहा है। गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) ने श्रीलंका से एक और परिवार को शरणार्थी (Refugees) के रूप में भारत आने के लिए मजबूर कर दिया है। बच्चों समेत 4 लोगों का श्रीलंकाई परिवार 12 साल बाद शरणार्थी के रूप में भारत (India) के तमिलनाडु (Tamil Nadu) लौट आया है। 

किशनथन और उनकी पत्नी रंजीता अपने दो बच्चों के साथ शुक्रवार तड़के दनुशकोडी पहुंचे। रामेश्वरम में मंडपम पुलिस ने परिवार को हिरासत में ले लिया है। किशनथन की बेटी की उम्र दस और बेटे की उम्र दो वर्ष है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान किशनथन और रंजीता भारत में शरणार्थी के रूप में रहते थे। रंजीता कृष्णागिरी शरणार्थी शिविर में थी और किशनथन पुदुकोट्टई शरणार्थी शिविर में थे। जब गृहयुद्ध खत्म हो गया था वह 2010 में शादी के बाद वे श्रीलंका लौट आए गए थे।

लेकिन अब आर्थिक संकट ने परिवार को एक बार फिर शरणार्थी के रूप में भारत लौटने को मजबूर कर दिया। किशनथन ने बताया कि हर वैकल्पिक दिन 10 लीटर डीजल उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन मछली पकड़ने वाली नावों के लिए 10 लीटर डीजल पर्याप्त नहीं है। फिर मैंने राजमिस्त्री के रूप में काम करने की कोशिश की लेकिन सीमेंट की कमी और बिजली की कमी के कारण अधिकांश उद्योग प्रभावित हुए हैं।

इसलिए कोई काम नहीं है, पैसा नहीं है और खाना भी नहीं है। आगे कहा कि हमारा कृष्णागिरि में एक परिवार है और हम उनके पास जाना चाहते हैं। हम पहले यहां शरणार्थी थे, और अब फिर से श्रीलंका में स्थिति बहुत खराब है। हम इस विश्वास के साथ तमिलनाडु आए हैं कि हमें यहां एक घर मिलेगा। अमंडपम पुलिस अब परिवार के साथ प्रारंभिक जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद उन्हें मंडपम शरणार्थी शिविर में ले जाया जाएगा। गौरतलब है कि पिछले महीने 16 श्रीलंकाई तमिल दनुशकोडी और रामेश्वरम आए थे। उन्हें मंडपम शरणार्थी शिविर में हिरासत में लिया गया था। 

भारतीय तट रक्षक ने अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर निगरानी तेज करने की सलाह दी है। क्योंकि श्रीलंकाई तमिलों के शरणार्थी के रूप में भारत आने की ज्यादा संभावना है।

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