Loan Moratorium Case: सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम अवधि मामले पर सुनवाई टली, जानें क्या है पूरा मामला

Loan Moratorium Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज लोन मोरेटोरियम अवधि मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया।;

Update: 2020-11-19 11:27 GMT

Loan Moratorium Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज लोन मोरेटोरियम अवधि मामले पर सुनवाई को स्थगित कर दिया। वहीं बिजली उत्पादक कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक को ऋण राहत पर सुझाव देने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि क्रेडिट कार्डधारकों को ब्याज पर ब्याज छूट का लाभ न दिया जाए।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में लोन मोरेटोरियम मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई के आदेश दिए हैं। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। इस मामले को अगले सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इस मामले पर सरकार अपना रूख सुनिश्चित करे कि जो लोग अधिस्थगन अवधि के दौरान भुगतान करते हैं वो अल्प-परिवर्तित न हों।

वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कहा कि अदालत को याचिका के निपटारे से पहले महामारी होने की सरकार की घोषणा के साथ एक समझौता करना चाहिए। महामारी के दौरान सरकार के कार्यों के बारे में बताते हुए मेहता ने 9 नवंबर को सेंट्रे के हलफनामे का भी जिक्र किया। जिसमें विशिष्ट राहत के लिए विभिन्न क्षेत्रों द्वारा दायर की गईं कई याचिकाओं पर सुनवाई की गईँ।

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय और आरबीआई ने विभिन्न क्षेत्रों में राहत सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए। उन्होंने बिजली, खुदरा, एमएसएइ आदि जैसे क्षेत्रों के लिए पुनर्गठन को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहा कि 20,000 करोड़ रुपये के आत्मानिर्भर पैकेज की घोषणा की गई थी। वहीं 19,800 करोड़ रुपये की बिजली कंपनियों को राहत दी गई थी।

इन लोगों को मिल सकता है फायदा

फायदा केंद्र सरकार ने इस ऐलान में ये बात भी साफ तरीके से कह दी है कि इसका फायदा सभी लोगों को नहीं मिलेगा। इसका फायदा वही लोग उठा पाएंगे जिनके लोन की राशि 2 करोड़ से कम है। बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने 2 करोड़ से कम लोन वाले ग्राहकों के लिए ब्याज पर ब्याज भी माफ कर दी है। इसका मतलब है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन के दौरान बैंक से लोन मोरेटोरियम की सुविधा ली, उन्हें ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा।

क्या है लोन मोरेटोरियम

केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आम नागरिकों को बड़ी राहत दी थी। केंद्र सरकार ने कहा था कि जो लोग लोन की ईएमआई चुकाने में समर्थ नहीं है, वो इस सुविधा के तहत लाभ उठा सकते हैं। हालांकि इस मामले में उन लोगों को इस सुविधा से दूर रहने के भी निर्देश दिए गए थे कि जो ईएमआई चुकाने में समर्थ हैं। लोन मोरेटोरियम का एक नुकसान ये था कि इसमें लोन मोरेटोरियम की अवधि खत्म होने के बाद ब्याज पर ब्याज देना थे। इसी मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसका फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा है कि लोन मोरेटोरियम मामले में फायदा लेने वाले लोगों को 15 नवंबर तक ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा। वहीं 15 नवंबर तक कोई अकाउंट एनपीए भी घोषित नहीं किया जाएगा।

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