महाराष्ट्र में शिंदे-ठाकरे के बीच सियासी झगड़े पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरी की सुनवाई, सभी पक्षों को दिए यह निर्देश

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। आगे पढ़ें...;

Update: 2022-07-20 07:05 GMT

महाराष्ट्र (Maharashtra) में प्रदेश के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। शिवसेना (Shiv Sena) के एकनाथ शिंदे खेमे की ओर से पक्ष बदलने वाले 16 बागियों के खिलाफ जारी अयोग्यता नोटिस को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल किया गया, जबकि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से एकनाथ शिंदे की बतौर मुख्यमंत्री की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिकाएं दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सभी पक्षों को हलफनामा (Affidavit) दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मामले में बहस की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ, उससे इस तरह की परंपरा की शुरुआत केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि देश में कहीं भी, किसी तरह से अच्छी नही हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के शिवसेना ग्रुप के विधायकों को कोई संरक्षण नहीं है। कहा कि राज्यपाल ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, जबकि वो जानते थे कि उनकी अयोग्यता का मामला अभी स्पीकर के समक्ष लंबित है।

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अब मामले की सुनवाई एक अगस्त को होगी। बता दें कि उद्धव ठाकरे के पक्ष की ओर से याचिका में मांग की गई कि विधानसभा के उस विशेष सत्र को असंवैधानिक घोषित किया जाए, जिसमें फ्लोर टेस्ट कराया गया था और नई सरकार के गठन की अनुमति दी गई थी।

उधर,  महाराष्ट्र विधानसभा के बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना को मंगलवार को भी झटका लगा था। उनके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन किया और राहुल शेवाले को निचले सदन में अपना नेता घोषित कर दिया। शेवाले ने दावा किया था कि उन्होंने उद्धव ठाकरे के कहने पर भाजपा के साथ गठबंधन किया है। वो खुद जून महीने में इसी तरह का प्रयास कर रहे थे। हालांकि उद्धव ठाकरे पक्ष ने शेवाले के दावों को खारिज कर दिया था। 

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