नोटबंदी पार्ट 2: मोदी ने गुलाबी मनी को कहा ब्लैक मनी
मोदी ने 2000 के गुलाबी मनी को ब्लैक मनी कहा है। साथ ही यह भी कहा कि अगर ब्लैक मनी को रोकना है तो गुलाबी मनी को रोकना होगा। 12 दिसंबर को संसद में 2000 रुपये के नोट को खत्म करने की मांग उठी।;
आज से करीब 6 साल पहले 2016 में भारत में 500 और 1000 के नोटों को बंद कर दिया गया था। पीएम मोदी ने यह कदम काला धन को वापस लाने के लिए उठाया था। 500 और 1000 के नोटों को बंद कर 500 और 2000 के नए नोटों को मार्केट में लाया था। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि अब 2000 के नोट भी मार्केट से खत्म होने लगे हैं। इसके साथ ही आज यानी 12 दिसंबर को संसद में 2000 के गुलाबी नोटों को खत्म करने की मांग उठी है।
सुशील मोदी ने रखी गुलाबी नोट खत्म करने की मांग
2000 के नोट को ब्लैक मनी को हटाने और लोगों की सुविधा के लिए लाया गया था। लेकिन अब गुलाबी मनी को ब्लैक मनी बताकर वापस लेने की मांग हो रही है। यह मांग विपक्ष के द्वारा नहीं बल्कि केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने की है। सांसद सुशील मोदी ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि 2000 का गुलाबी नोट का मतलब ब्लैकमनी हो चुका है। इसलिए ब्लैक मनी को रोकने के लिए सरकार को इसे वापस ले लेना चाहिए। इसके लिए सरकार जनता को 3 साल का समय दे, ताकि जनता धीरे-धीरे अपने पास रखे 2000 के नोट को बदल सके।
2019 के बाद से नहीं छपे हैं 2000 के नोट
गुलाबी नोट मार्केट में बहुत कम बचे हैं। एटीएम से या बैंक से जब भी पैसे निकालते हैं सिर्फ 500 के नोट ही निकलते हैं। इसकी वजह यह है कि 2019 के बाद एक भी 2000 का नोट नहीं छपा है। अभी मार्केट में जो भी गुलाबी नोट है वह पहले का छपा हुआ ही है। इसके पीछे की वजह ब्लैक मनी है। 2000 का नोट काला धन को खत्म करने के लिए लाया गया था। लेकिन इसके कारण नकली नोट छापने वालों का कारोबार और तेजी से चलने लगा है।