टाटा संस ने जीती सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की बोली, 68 साल बाद हुई घर वापसी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट (Bloomberg report) के अनुसार, मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन (Airline) के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।;
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Government Aviation Company Air India) का निजीकरण हो गया है। टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) के लिए बोली जीत ली है। इसी के साथ टाटा ग्रुप (Tata Group) एयर इंडिया का नया मालिक होगा। इस बात की जानकारी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आई है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट (Bloomberg report) के अनुसार, मंत्रियों के एक पैनल ने एयरलाइन (Airline) के अधिग्रहण के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आने वाले दिनों में एक आधिकारिक ऐलान किया जानें की आशंका है। रिपोर्ट के अनुसार, टाटा (Tata) के साथ सरकार (Government) का सौदा (Deal) पक्का होने से विमानन कंपनी (Aviation Company) की 68 साल बाद 'घर वापसी' होगी। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, टाटा समूह ने 1932 में अक्टूबर के महीने में टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines) के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। 1953 में इसे भारत सरकार (Government of India) ने अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था।
एक अंग्रेज न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, टाटा ग्रुप (Tata Group's) की बोली भारत सरकार (Indian Government) के द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस (Reserve Price) से लगभगब 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। टाटा समूह की ओर से लगाई गई बोली स्पाइसजेट (SpiceJet) के चेयरमैन अजय सिंह (Chairman Ajay Singh) द्वारा लगाई गई बोली से करीब 5 करोड़ रुपये ज्यादा है। रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि सरकारी सूत्रों (Government Sources) ने उन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है, जिसमें रिजर्व प्राइस को 15 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये बताया गया है।
2020 में शुरू हुई थी एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया
गौरतलब है कि साल 2020 में जनवरी के महीने में एयर इंडिया (Air India) को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की वजह से बेचने की प्रक्रिया में देरी हुई। भारत सरकार (Modi Government) ने 2021 में अप्रैल के महीने में एक बार फिर योग्य कंपनियों से बोली लगाने को कहा था। 15 सितंबर बोली लगाने का आखिरी दिन था। साल 2020 में भी टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर रुचि पत्र दिया था। दरअसल सरकार (Government) ने 2017 से ही एयर इंडिया की नीलामी के प्रयास शुरू कर दिए थे, लेकिन तब कंपनियों ने रुचि ही नहीं दिखाई थी। इसके बाद सरकार ने एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (Expression Of Interest) के नियमों (Rules) में ढील दी। जिसके बाद कर्ज में डूबे एयर इंडिया को खरीदने में कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई।