Teachers day 2021: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए कहे ये शब्द

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शिक्षक दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।;

Update: 2021-09-05 06:55 GMT

Teachers day 2021 (शिक्षक दिवस 2021) : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने शिक्षक दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 44 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान कहा कि आज पुस्कार प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों मैं बधाई देता हूं। 

उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस का आयोजन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन (Former President Dr. Radhakrishnan) के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। वे एक दार्शनिक और विद्वान के रूप में विश्व-विख्यात थे। उन्होंने अनेक उच्च पदों को सुशोभित किया, परंतु पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन चाहते थे कि उन्हें एक शिक्षक के रूप में ही याद किया जाए।

आज तक मुझे अपने आदरणीय शिक्षकों की याद आती रहती है। मैं स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करता हूं कि राष्ट्रपति (President) का कार्यभार ग्रहण करने के बाद, मुझे अपने स्कूल में जाकर, अपने वयोवृद्ध शिक्षकों का सम्मान करने तथा उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ था।

सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया करते थे

इसके अलावा रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (Former President Dr. APJ Abdul Kalam) एक वैज्ञानिक के रूप में अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों को दिया करते थे। वे अपने स्कूल के एक अध्यापक के विषय में बताते थे, जिनके पढ़ाने की रोचक शैली के कारण बचपन में ही उनमें एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने की ललक पैदा हुई।

शिक्षकों का कर्त्तव्य है कि वे अपने विद्यार्थियों में अध्ययन के प्रति रुचि जागृत करें। संवेदनशील शिक्षक अपने व्यवहार, आचरण व शिक्षण से विद्यार्थियों का भविष्य संवार सकते हैं। हमारी शिक्षा-व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे विद्यार्थियों में संवैधानिक मूल्यों तथा नागरिकों के मूल कर्तव्यों के प्रति निष्ठा उत्पन्न हो, देश के प्रति प्रेम की भावना मजबूत बने तथा बदलते वैश्विक परिदृश्य में वे अपनी भूमिका के बारे में सचेत रहें।

शिक्षकों को ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमता अलग होती है, उनकी प्रतिभा अलग होती है, मनोविज्ञान अलग होता है, सामाजिक पृष्ठभूमि व परिवेश भी अलग-अलग होता है। इसलिए हर एक बच्चे की विशेष जरूरतों, रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उसके सर्वांगीण विकास पर बल देना चाहिए।

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