Telangana: ओवैसी के गढ़ में सेंध लगा पाएगी कांग्रेस या AIMIM निभाएगी किंगमेकर की भूमिका, देखें आंकड़ें

Telangana Assembly Election: असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने तेलंगाना की 119 सीटों में से 9 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हालांकि, वह राज्य में किंगमेकर की भूमिका निभाएगी।;

Update: 2023-12-01 09:46 GMT

Telangana Assembly Election: तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को आए एग्जिट पोल ने कांग्रेस की उम्मीदें जगाने का काम किया है तो केसीआर की धड़कनें भी तेज हो गई हैं। तेलंगाना के चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे तो उस दिन सियासी तस्वीर साफ होगी, लेकिन उससे पहले आए एग्जिट पोल के सर्वे में कांग्रेस को बढ़त और बीआरएस की सीटें काफी घटती हुई नजर आ रही हैं। सूबे की राजनीति में सभी की नजरें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM पर भी है। एग्जिट पोल के मुताबिक, मुस्लिम वोटों पर ओवैसी की पकड़ मजबूत नजर आ रही है।

तेलंगाना में किस को कितनी सीटें मिलेंगी

तेलंगाना की 119 सीटों में से कांग्रेस को 49 से 65 सीटें मिल सकती हैं। जबकि बीआरएस 38 से 54 सीटें जीत सकती है। साथ ही बीजेपी को 5 से 13 सीटें मिलने की संभावना है। इसके अलावा एआईएमआईएम को 5 से 9 सीटें मिलने का अनुमान है। हालांकि, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी किंगमेकर की अहम भूमिका निभाएगी।

तेलंगाना में मौजूदा राजनीतिक समीकरण क्या है

तेलंगाना में इससे पहले 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इन चुनावों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब भारत राष्ट्र समिति) ने 88 सीटें जीतीं थी। बीआरएस ने चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में तेलंगाना में सरकार बनाई। बीआरएस के बाद चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले। कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं। बीजेपी सिर्फ एक सीट जीत सकी। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 7 सीटें और तेलुगु देशम ने 2 सीटें जीतीं।

कांग्रेस और बीआरएस के बीच असली लड़ाई के आसार

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेलंगाना में चुनाव में कांग्रेस और बीआरएस के बीच आमना-सामना देखने को मिलेगा। बीआरएस इस समय तेलंगाना में सत्ता में है, जबकि कांग्रेस बीआरएस को हराने के लिए कमर कस रही है। कांग्रेस ने पिछले कुछ दिनों से तेलंगाना में महत्वपूर्ण कार्यसमिति की बैठकें आयोजित की थीं। इसके अलावा यहां बीआरएस और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर भी चला था।

औवेसी की पार्टी निभाएगी किंगमेकर की भूमिका

राजनीति विश्लेषकों की मानें तो अगर राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता है तो राज्य में फिर गठबंधन की सरकार होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एग्जिट पोल में पिछड़ी बीआरएस को ओवैसी का साथ मिल सकता है। इस गठबंधन की सरकार में औवेसी सरकार में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिमों के बीच बीजेपी के सत्ता में आने का खौफ दिखाया तो कांग्रेस को आरएसएस की दूसरी टीम करार दिया था। इस तरह से मुस्लिम वोटों का ओवैसी ने धार्मिक धुर्वीकरण करने का सियासी दांवपेंच चला तो कांग्रेस ने भी ओवैसी को बीजेपी की बी-टीम का नैरेटिव सेट करने की रणनीति अपनाई।

Tags:    

Similar News