दिल्ली पुलिस से मिली सशर्त अनुमति पर तैयार नहीं किसान, अपने रूट और समय पर निकालेंगे रैली

किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने 12 बजे के बाद ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति दी है। ऐसे में तो रैली निकालने का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। किसानों का कहना है कि वे अपने समय और रूट के हिसाब से ही रैली निकालेंगे। उन्होंने इसकी पूरी तैयारी कर रखी है।;

Update: 2021-01-25 07:07 GMT

राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की अनुमति भले ही मिल चुकी है, लेकिन किसान सशर्त ट्रैक्टर रैली निकालने के मूड में नहीं हैं। किसानों का कहना है कि अगर दोपहर को 12 बजे के बाद रैली निकालने की अनुमति दी जाती है तो इसका कोई मतलब नहीं बनता। दिल्ली पुलिस की इसी मुद्दे पर किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से वार्ता चल रही है ताकि उन्हें पहले से तय रूटों पर ही रैली निकालने के लिए मना लिया जाए। उधर, आसपास के राज्यों से भारी संख्या में किसान दिल्ली की तरफ कूच कर रहे हैं ताकि ट्रैक्टर रैली में हिस्सा ले सकें। इससे दिल्ली पुलिस के साथ अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट पर हैं।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि शर्तों के साथ रैली निकालने की बात को हम नामंजूर करते हैं। पुलिस के साथ बैठक है, उसमें तय किया जाएगा कि कौन से रूट पर रैली निकालनी है और कितने बजे रैली निकालनी है। 12 बजे रैली निकालने का कोई तुक नहीं बनता है। किसान संगठनों ने ट्रैक्टर रैली के लिए खुद रूटमैप तैयार किया है।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता श्रवण सिंह पंढेर ने कहा, 'संयुक्त मोर्चा ने रिंग रोड का जो प्रोग्राम बनाया था, हम उसी प्रोग्राम पर कायम हैं। हमें दिल्ली पुलिस के रूट पर आपत्ति है। हमारी तरफ से ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे टकराव हो।' किसान नेता हरिंदर सिंह की मानें तो उनका रूटमैप 500 किलोमीटर का है। किसानों ने ट्रैक्टर रैली में किसी तरह की गड़बड़ी होने से रोकने के लिए 3000 वॉलंटियर्स की एक फोर्स भी बनाई है।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राजेश टिकैत ने कहा, 'किसान ने तिरंगे को अपने खेत से जोड़ दिया है। सैनिक परेड निकालते हैं और किसान भी परेड निकालेगा। हम ही किसान है और हम ही जवान है। ट्रैक्टर परेड में हमारा हर आदमी पूरी तरह से सैनिक का काम करेगा। हमारी दिल्ली पुलिस से कोई हार जीत नहीं है'। 

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