उदयपुर हत्याकांड में सामने आया मुंबई अटैक कनेक्शन, एक आरोपी की बाइक का नंबर '2611'
जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि कन्हैयालाल की हत्या करने वाले एक आरोपी की बाइक का नंबर 2611 है, जिसका संबंध 2008 में मुंबई में हुए हमले से संबंधित है।;
उदयपुर (Udaipur) में बीते दिनों नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) का समर्थन करने पर एक दर्जी के हत्यार के मामले में जांच कर रही पुलिस (Police) ने बड़ा खुलासा किया है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि कन्हैयालाल की हत्या करने वाले एक आरोपी की बाइक का नंबर 2611 है, जिसका संबंध 2008 में मुंबई में हुए हमले से संबंधित है। इसी दौरान कसाब भारत आया था। आब जांच एजेंसी इस एंगल से भी पूछताछ के लिए जुट गई है, कहीं इन दोनों आरोपियों का मुंबई हमले से कोई संबंध तो नीहं है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि एक आरोपी ने अपनी पसंद पर ज्यादा पैसे देकर बाइक का नंबर 2611 लिया था। 26 नवंबर 2008 को हुए सीरियल हमलों को अक्सर सामान्य तौर पर 26/11 हमला कहा जाता है। हत्या के बाद आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद जिस बाइक से भाग रहे थे। उसका नंबर 2611 है। संयोग से यह संख्या मुंबई आतंकी हमले की तारीख से मेल खाती है।
पुलिस को पता चला है कि इस स्पेशल नंबर के लिए आरोपी ने आरटीओ में 5000 रुपए का ड्राफ्ट जमा किया था। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से एक पल्सर बाइक बरामद की। जिसका नंबर आरजे27एस 2611 है। रियाज ने यह बाइक 2013 में खरीदी थी। रियाज की नफरत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी बाइक का नंबर 2611 था। हालांकि, पुलिस ने अब बाइक को जब्त कर लिया है। लेकिन जांच एजेंसियां इस नंबर के पीछे की कहानी और तथ्य जुटाने में लग गई है।
इससे पहले पुलिस ने कन्हैयालाल की हत्या के दोनों मुख्य आरोपी पाकिस्तान स्थित संगठन दावत-ए-इस्लामी के संपर्क में थे और उनमें से एक संगठन से मिलने के लिए 2014 में पाकिस्तान के कराची भी गया था। इतना ही नहीं एक आरोपी ने नेपाल का दौरा भी किया था। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक ने जानकारी देते हुए कहा था कि पुलिस ने मुख्य आरोपी के अलावा तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया है, जिनके संपर्क में थे।
एनआईए अब राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल की सिर काटकर हत्या के मामले की जांच खुद कर रही है। दिनदहाड़े दो लोगों ने उसकी दुकान के अंदर हत्या कर दी थी। घटना के कुछ ही घंटों के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एनआईए ने बताया कि आतंकवादी गिरोह की भूमिका पर संदेह है, न कि आतंकवादी संगठन की। हालांकि, आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि इस हत्या के पीछे एक बड़ा गैंग हो सकता है। अभी मामले की जांच चल रही है।