Budget 2019-20: आम बजट कैसे होता है तैयार, यहां जानें
Budget 2019-20 / आम बजट 2019-20 (Union Budget 2019-20) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। मोदी सरकार 2 के कार्यकाल का और 17वीं लोकसभा ( 17th Loksabha) का पहला सत्र 17 जून से शुरू हो चुका है जोकि 26 जुलाई 2019 तक चलेगा। तो वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बजट 5 जुलाई 2019 (5 July 2019) को पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्त वर्ष 2019-20 (Financial Year 2019-20) का पूर्ण बजट (Full Budget) पेश करेंगी।;
Budget 2019-20 / आम बजट 2019-20 (Union Budget 2019-20) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। मोदी सरकार 2 के कार्यकाल का और 17वीं लोकसभा ( 17th Loksabha) का पहला सत्र 17 जून से शुरू हो चुका है जोकि 26 जुलाई 2019 तक चलेगा। तो वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बजट 5 जुलाई 2019 (5 July 2019) को पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्त वर्ष 2019-20 (Financial Year 2019-20) का पूर्ण बजट (Full Budget) पेश करेंगी। यह पहली बार होगा जब कोई महिला वित्त मंत्री पूर्ण बजट (Full Budget) पेश करेगी। बजट (Budget) में क्या हो सकता है और क्या नहीं हो सकता, इसपर अनेकों चर्चाएं होती हैं, लेकिन लगभग दो घंटे तक बिना रुके संसद (Parliament) में पढ़ा जाने वाला बजट कैसे बनता है, आइए हम आपको बताते हैं।
हलवा समारोह से छपाई की प्रक्रिया शुरू
बता दें कि बजट की प्रक्रिया (Process Of Budget) हलवा सेरेमनी (Halva Sareemani) से दस्तावेजों (Documents) की छपाई की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। बता दें कि बजट (Budget) से जुड़ी वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। वित्त मंत्रालय के बजट पर पुरे देश (All Country) की नजर होती है, लोगों के बीच यह भी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं कि बजट में क्या-क्या हो सकता है। लेकिन जो बजट वित्त मंत्री संसद में पढ़ते हैं वह बहुत मेहनत के बाद तैयार होता है।
आम बजट क्या है (What is Union budget)
केंद्रीय वित्त मंत्री (Central Finance Minister) की ओर पेश किए जाने वाली वार्षिक वित्त रिपोर्ट्स (Annual Finance Reports) को आम बजट (Union Budget) कहते हैं। बजट में अकाउंट्स स्टेटमेंट (Accounts Statement), अनुमानित प्राप्तियां (Estimated receipts) एक अप्रैल (1 April) से शुरू होने वाले आगामी वित्त वर्ष (Upcoming Finance Year) के लिए अनुमानित खर्च (Estimated Expenditure) का विस्तृत ब्योरा होता है। इसमें शामिल सरकारी योजनाओं (Government Schemes) पर खर्च (Expenditure) की स्वीकृति संसद पर निर्भर करती है। बजट के माध्यम से वित्त मंत्री संसद से टैक्स (Tax), ड्यूटीज और ऋण (Duties and Loans) के माध्यम (Medium) से धन (Funds) जुटाने की मंजूरी चाहता है।
कैसे तैयार होता है आम बजट
बजट के लिए सर्कुलर
सामान्य स्थिति में बजट निर्माण (Budget Creation) की प्रक्रिया की तैयारी सितंबर महीने से ही शुरू हो जाती है। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के द्वारा सभी मंत्रालयों (All Minisrty) और विभागों (Departments) को एक सर्कुलर (Circular) जारी करता है। जिसमें के जवाब में उस विभाग (Department) से पूरे साल की रिपोर्ट (Report) मांगी जाती है। खर्च, विशेष परियोजनाओं का ब्यौरा और फंड (Fund) सभी चीजें इसमें शामिल होती हैं।
टैक्स पर बिजनेसमैन संगठनों से बात
बजट के लिए सर्कुलर (Circular) के बाद नवंबर (Nov) महा में आने वाले बजट (Budget) में टैक्स स्लैब (Tax slab) नया रुप देने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) और उद्योग संघों (Industry Associations), वाणिज्य मॉडल (Commerce Models), किसान समूहों (Farmer Groups) और ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) के बीच बैठक (Meeting) होती है। इस बैठक में टैक्स स्लैब (Tax slab) के बारे में चर्चा की जाती है। वित्त मंत्री (Finance Minister) की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक होती है। जिसमें हर किसी के हितों को ध्यान में रखकर बजट बनाने पर फैसला लिया जाता है और अगर कोई कमी रह गई है तो उसमें सुधार के लिए भी चर्चा होती है। इसके लिए राजनीति और सहयोगी दलों से बातचीत की जाती है।
बजट के ये टीमें करती हैं काम
बजट बनाने में वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के शीर्ष अधिकारी (Top Officer), विशेषज्ञ (Experts), प्रिंटिंग टेक्नीशियन (Printing Technicians) और स्टेनोग्राफर्स (Stenographers) सभी लोग शामिल होते हैं। जोकि कई महीनों से इस बजट की तैयारी में जुट जाते हैं। बजट के अंतिम सात दिनों तक ये सभी अधिकारी मंत्रालय में ही रहते हैं। ये सभी न तो किसी बाहरी और न ही किसी परिवार के सदस्यों से बातचीत कर सकते हैं। लेकिन किसी आपातकालीन स्थिति (Emergency stiuation) में इन अधिकारियों (Officers) के परिवार (Family) उन्हें दिए गए नंबर पर मैसेज दे सकते हैं लेकिन उनसे डायरेक्ट बात नहीं कर सकते है।
अधिकारियों की निगरानी
बजट तैयारी के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence bureau) की एक टीम बजट अधिकारियों (Budget Officers) की निगरानी (Surveillance) करती है। इस दौरान फोन कॉल (Phone Cell) को ट्रेस किया जाता है। स्टेनोग्राफरों (Stenographers) की सबसे ज्यादा निगरानी की जाती है। ब्लॉक में मोबाइल जैमर लगाए जाते हैं और साइबर चोरी से बचने के लिए भी हाईटेक सिक्योरिटी (High Tech Security) को अपनाया जाता है।
बजट प्रिंटिंग
इसके बाद बजट की प्रिंटिंग होती है, बजट की प्रिंटिंग बजट पेश होने से दस दिन पहले शुरू की जाती है। इस बजट हलवा सेरेमनी भी कहा जाता है।
कहां छपता है बजट
बजट को सबसे सुरक्षित डॉक्यूमेंट माना जाता है इसलिए इसकी छपाई वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में होती है। अधिकारियों को वहीं रहना होता है। इसके बाद संसद में बजट पेश करने वाले दिन सभी प्रिंटिंग कॉपियों को संसद भेज दिया जाता है और फिर संसद में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाता है। सबसे पहले राष्ट्रपति भवन के अंदर प्रिंट होते थे। लेकिन बाद में बजट लीक होने के बाद मिंटो रोड प्रेस में छपे। उसके बाद 1980 में बजट नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में छपने शुरू हो गए थे।
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