Budget 2020 : जानें कौन से हैं वो आठ बजट जो रह चुके हैं सुर्खियों में, ये हैं उनकी खास बातें

Budget 2020 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने कैरियर का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। बजट से पहले 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे जारी होगा।;

Update: 2020-01-25 11:27 GMT

Budget 2020 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपने करियर का दूसरा बजट पेश करने जा रही हैं। 31 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे जारी होने जा रहा है। कुछ सालों पहले तक रेल बजट को अलग से पेश करने का प्रावधान था। लेकिन अब एक ही बजट पेश किया जाता है।

आरके शनमुखम चेट्टी आजाद भारत के पहले वित्तमंत्री थे। जिन्होंने देश का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। उस बजट में देश की इकोनॉमी का एक रिव्यू पेश किया गया था। उसके बाद इंडिया में कई बजट पेश किए गए जो अपने आप में बहुत खास थे। आज हम ऐसे ही कुछ खास बजट के बारे में बात करने जा रहे हैं।

बजट 1967-68

यह बजट मोरारजी देसाई ने पेश किया था। इस बजट के टाईम वो देश के वित्तमंत्री तो थे ही, साथ ही इंदिरा गांधी की कैबिनेट में उपप्रधानमंत्री का कार्यभार भी संभाल रहे थे। यह एक इंटरिम बजट था और यह अपनी तरह का पहला विशेष तरह का बजट था। मोरारजी देसाई ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा बजट पेश किया था। उनके नाम टोटल 10 बजट पेश करने का रिकॉर्ड दर्ज है।

बजट 1968-69

इस बजट में खास यह था कि मोरारजी देसाई ने देश से स्पाउस अलाउंस हटा दिया था। इसे उस केस के लिए हटाया गया था जिसमें पति और पत्नी दोनों टैक्स भरते थे और यह पता नहीं लग पाता था कि दोनों में से कौन किस पर निर्भर हैं। इसकी वजह से पति और पत्नी दोनों टैक्स भरने से बच जाते थे।

बजट 1969-70

इस बजट में स्टेटस सिम्बल में ऐसी चीजों को रखा गया था जिनकी ड्यूटी 60 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी कर दी गई थी क्यूंकि इनकी कीमत दूसरी लक्जरी चीजों के बराबर आ गई थी।

बजट 1970-1971

यह बजट इसलिए खास है क्योंकि इसे स्वयं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पेश किया था। वो उस वक्त वित्त मंत्री का कार्यभार भी संभाल रहीं थी।

बजट 1971-1972

यह बजट नगद व्यापार पर रोक लगाने के लिए पेश किया गया था। इसमें कहा गया था कि अगर आप टिकट खरीदने के लिए नगद में भुगतान करते हैं तो आपको 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा। लेकिन अगर यही भुगतान विदेशी करेंसी में की जाती है तो उसमें आप टैक्स देने से बच जाएंगे। इस बजट की वजह से पर्यटकों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।

बजट 1972-73

यह बजट साहित्य प्रेमियों के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ, क्यूंकि इसमें उन अवार्ड्स पर टैक्स लगा दिया गया जो उन्होंने क्रॉसवर्ड पज़ल्स को हल करके जीता था।

बजट 1974-75

इस बजट में इनकम टैक्स में सुधार करने की कोशिश की गई। इनकम टैक्स और सरचार्ज को घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया जो कि पहले 97.75 था।

बजट 1975-76

इस बजट में गवर्नमेंट कर्मचारियों के लिए इंसेंटिव बोनस स्कीम शुरु की गई जिससे वो अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट से बार-बार पैसे ना निकाल पाएं।

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