अमित शाह ने इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी, बोले- प्रतिमा से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose ) की होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान का सम्मान करने के लिए पराक्रम दिवस पर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।;
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose ) की होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान का सम्मान करने के लिए पराक्रम दिवस पर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। कार्यक्रम के दौरान शाह ने कहा कि इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए है। यह सिर्फ ग्रेनाइट की मूर्ति नहीं है, बल्कि महान नेताजी को उचित श्रद्धांजलि है, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा ने कहा कि मोदी सरकार ने नेताजी की 125वीं जयंती पर सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह प्रतिमा देश की आने वाली पीढ़ियों को वीरता, देशभक्ति और बलिदान से प्रेरित करेगी। यह प्रतिमा देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति होगी। इंडिया गेट पर रविवार शाम को सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण पीएम मोदी के द्वारा किया गया। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे।
अमित शाह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह 23 जनवरी से शुरू हो गया है। पराक्रम दिवस का ऐतिहासिक फैसला पीएम मोदी ने लिया है। प्रधानमंत्री ने नेताजी की प्रतिमा लगाने का फैसला किया। आज करोड़ों लोगों के मन को शांति मिलेगी। शाह ने आगे कहा कि चलो दिल्ली का नारा आज भी युवाओं को जागरूक करता है। आने वाले दिनों में हम देखेंगे कि बहुत से युवा प्रेरणा लेकर आगे बढ़ेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह प्रतिमा देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति होगी। जब यहां नेताजी की प्रतिमा स्थापित होगी तो इतिहास को भी उनके प्यारे बेटे को यहां देखकर संतोष मिलेगा। शाह ने कहा कि मुझे लगता है कि इसके बाद भारत के युवा नेताजी की कलकत्ता से बर्लिन और बाद में जापान की 35 हजार किलोमीटर की यात्रा का अनुभव करना चाहेंगे, उनसे प्रेरणा लें। कई सालों से ऐसे लोग थे, जो देश के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को हटाना चाहते थे। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा की स्थापना के बाद लोग इस फैसले से खुश हैं।