Amit Shah ने वामपंथी उग्रवाद पर की समीक्षा बैठक, बोले- दो साल में खत्म होगा नक्सलवाद
Amit Shah On Naxalism: दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान कई राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।;
Amit Shah On Naxalism: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली के विज्ञान भवन में वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, अर्जुन मुंडा और देवुसिंह चौहान के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी भाग लिया। इस बैठक में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित रहे राज्य बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल राज्य के कई प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
शाह बोले- दो साल में उग्रवाद पूरी तरह से खत्म
दो साल में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि 2022 में पिछले 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें दर्ज की गईं।
मीटिंग से पहले अमित शाह ने किया ट्वीट
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद(LWE) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने से कुछ घंटे पहले अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर की। इसमें उन्होंने लिखा कि नक्सलवाद मानवता के लिए एक अभिशाप है और हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए बाध्य हैं। शाह ने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को पूरा करने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (LWE) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं।
मीटिंग में कई अधिकारी शामिल
वामपंथी उग्रवाद की मीटिंग में गृह सचिव अजय भल्ला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और एनआईए, एसएसबी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एनएसजी के महानिदेशकों के साथ-साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्य सचिव और गृह सचिव भी शामिल हुए।
उग्रवाद से निपटने में केंद्र सरकार दे रही मदद
वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। हालांकि, यह राज्य का मामला है, लेकिन केंद्र सरकार संयुक्त रूप से इसे साथ मिलकर निटाने की कोशिश कर रही है। केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद से निपटने में राज्यों को ज्यादा से ज्यादा मदद देने पर फोकस कर रही है। इसमें राज्य पुलिस को खास ट्रेनिंग देना, सुरक्षा पर होने वाले खर्च और बुनियादी ढांचे के लिए फंड मुहैया कराना शामिल है। साथ, ही दूर-दराज के इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर भी ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।