हाथरस कांड से आहत वाल्मीकि समाज के 50 परिवार के 236 लोगों ने किया धर्म परिवर्तन

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार 14 अक्टूबर को करहेड़ा इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली।;

Update: 2020-10-21 05:08 GMT

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कांड से आहत होकर बाल्मीकि समाज के 50 परिवारों ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। इन परिवारों ने बौद्ध धर्म को अपनाया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बाल्मीकि समाज के 50 परिवार हाथरस कांड से आहत थे। जिसके बाद 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म को अपना लिया है। यह मामला गाजियाबाद के करहेड़ा इलाके का है।

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार 14 अक्टूबर को करहेड़ा इलाके में रहने वाले वाल्मीकि समाज के 236 लोग एकजुट हुए और उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। भारतीय बौद्ध महासभा की तरफ से एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया है। परिवार के लोगों का कहना है कि वे हाथरस कांड से काफी आहत हुए हैं। उनका आरोप लगातार आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद इनकी कहीं सुनवाई नहीं होती है। हम लोगों की हर जगह पर अनदेखी की जाती है।

धर्म परिवर्तन करने वाले बीर सिंह का कहना है उनके गांव के 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इसके लिए कोई फीस नहीं ली गई है। बस अब इस धर्म को अपनाने के बाद समाज सेवा जैसे अच्छे काम करने को कहा गया है।

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