भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल, अगले हफ्ते अमेरिका में होगी सुनवाई, क्या जो बाइडेन देंगे PM मोदी का साथ?

Religious Freedom in India: भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में अगले हफ्ते अमेरिका में सुनवाई होने वाली है। USCIRF का कहना है कि भारत में अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पीएम मोदी के परम मित्र जो बाइडेन किसका साथ देते हैं।;

Update: 2023-09-15 10:52 GMT

Religious Freedom in India: भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर यूएस कमीशन (US Commission) ने सवाल उठाया है। उन्होंने भारत में रहने वाले अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों का उल्लघंन करने का आरोप लगाया है। इस मामले में यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) अगले हफ्ते अमेरिका में सुनवाई करने वाला है। USCIRF ने घोषणा की है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर सुनवाई होगी, ताकि अमेरिकी सरकार मानवाधिकार उल्लंघनों को खत्म करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर सके।

मानवाधिकार पर भारत के साथ काम करना उद्देश्य

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने इसी साल के जून महीने में उठाया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वाशिंगटन की राजकीय यात्रा की थी। इस दौरान पीएम मोदी और जो बाइडेन की बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई थी। बैठक के बाद बाइडेन ने कहा था कि हमने भारत के पीएम के समक्ष भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया था। USCIRF का कहना है कि अगले हफ्ते होने वाली सुनवाई इस बात पर आधारित है कि अमेरिका मानवाधिकार को लेकर भारत के साथ किस तरह काम कर सकता है।

गवाही के लिए इन लोगों को बुलाया 

इस मामले में सुनवाई के दौरान संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक 'फर्नांडो डी वेरेनस' (Fernando de Varenes) को कांग्रेस की लॉ लाइब्रेरी के विदेशी कानून विशेषज्ञ 'तारिक अहमद' (Tariq Ahmed) को आयोग के समक्ष गवाही देने के लिए आमंत्रित किया गया है। इनके अलावा इस मामले में सारा यागर, ह्यूमन राइट्स वॉच की कार्यकारी डायरेक्टर सुनीता विश्वनाथ, हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स, वाशिंगटन डायरेक्टर, इरफान नूरुद्दीन, जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीति के प्रोफेसर हमद बिन खलीफा अल थानी को भी गवाही देने के लिए बुलाया गया है।

क्या कहता है USCIRF की रिपोर्ट

बता दें कि USCIRF की रिपोर्ट में भारत सरकार पर कई आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि भारत सरकार ने धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। भारत में भेदभावपूर्ण नीतियां बनाई और लागू की हैं। इन नीतियों में धर्मांतरण विरोधी कानून, धर्म के आधार पर नागरिकता प्राथमिकताएं देने का कानून, गोहत्या कानून और नागरिक समाज संगठनों के लिए विदेशी फंडिंग पर प्रतिबंध लगाने का कानून शामिल है। इस रिपोर्ट में हाल ही में हरियाणा में हुए नूंह हिंसा का भी जिक्र है और मणिपुर में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर हिंसा फैलाने का भी जिक्र किया गया है।

क्या पीएम मोदी का साथ देंगे बाइडेन

पीएम मोदी और जो बाइडेन की दोस्ती की पूरी दुनिया कायल है। दुनियाभर में दोनों नेताओं की दोस्ती की मिसाल दी जाती है। इसके कई बार उदाहरण भी सामने हैं। जब पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर जाते हैं, तो उनका अलग अंदाज में स्वागत किया जाता है। या फिर जब बाइडेन भारत दौरे पर आते हैं, तो उनका भी बहुत आदर सम्मान के साथ भारत में वेलकम किया जाता है। हाल ही में जी-20 की बैठक में दोनों नेतृत्व के बीच 45 मिनट तक द्विपक्षीय बैठक हुई थी। बाद में बाइडेन ने पीएम मोदी की तारीफ भी की। ऐसे में सवाल यह उठता है कि भारत में कितनी धार्मिक स्वतंत्रता है, इस मामले में अमेरिका में होने वाली सुनवाई पर बाइडेन क्या पक्ष लेते हैं।

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