अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से सभी संबंध खत्म करने का ऐलान किया, लगाए संगीन आरोप

विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका ने सभी प्रकार के संबंध खत्म कर दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसका ऐलान किया है।;

Update: 2020-05-30 11:50 GMT

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ सभी संबंध समाप्त करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ उन सुधारों को आगे नहीं बढ़ा पाया जिनकी बेहद जरूरत थी। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जब चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू हुआ, तो डब्ल्यूएचओ ने दुनिया को इस बारे में गुमराह किया। ट्रंप ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस महामारी की जिम्मेदारी चीन पर डालने में विफल रहा।

ट्रंप ने शुक्रवार को चीन को दंडित करने के उपायों की घोषणा करते हुए कहा डब्ल्यूएचओ पर चीन का पूरा नियंत्रण है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा चूंकि वे बेहद जरूरी सुधारों को आगे नहीं बढ़ा पाए, ऐसे में हम आज से विश्व स्वास्थ्य संगठन से सभी संबंध समाप्त कर रहे हैं और उसके दिए जाने वाले कोष को अन्य वैश्विक और जिम्मेदार संगठनों को स्थानांतरित करेंगे। ट्रंप ने कहा दुनिया चीन से इस वायरस पर जवाब चाहती है। इस मामले में पारदर्शिता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन ने एक ऐसी वैश्विक महामारी फैलाई है जिसमें एक लाख से अधिक अमेरिकियों की जान गई है। राष्ट्रपति ने चीन पर आरोप लगाया कि वह डब्ल्यूएचओ पर दबाव डाल रहा है जिससे इस वायरस के बारे में दुनिया को गुमराह किया जा सके। अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के लिए मैदान में हैं। इस महामारी से निपटने के प्रयासों को लेकर ट्रंप की भी लगातार आलोचना हो रही है। वहीं चीन ने अमेरिका के आरोपों को खारिज करते हुए अमेरिकी नेताओं से कहा है कि वे महामारी का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद से नहीं करें।

दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों का आंकड़ा 58,71,347 पर पहुंच गया है। अभी तक यह महामारी 3,60,000 लोगों की जान ले चुकी है। कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर मध्य में चीन के वुहान शहर से हुई थी। इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दावा किया है कि ट्रंप के इस कदम से इस महामारी को हराने के वैश्विक प्रयासों को झटका लगेगा। डब्ल्यूएचओ को धन उपलब्ध कराने में अमेरिका सबसे आगे है। डब्ल्यूएचओ के सदस्यता शुल्क और विशेष कार्यक्रमों के तहत स्वैच्छिक रूप से 45 करोड़ डॉलर का योगदान करता है।

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