Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे का छठा दिन, सुरंग में फंसी 40 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। साथ ही, टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।;

Update: 2023-11-17 04:35 GMT

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूर अभी तक बाहर नहीं आ सके हैं। लेकिन दो असफल प्रयासों के बाद अमेरिका से लाई गई ड्रिलिंग मशीन से 24 मीटर तक ड्रिल कर दी गई। जैसे-जैसे मशीन आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे मजदूरों के बाहर आने की उम्मीद भी बढ़ती जाती है। शुक्रवार सुबह तक अमेरिकन जैक, पुश अर्थ ऑगर मशीन से मलबे में 24 मीटर पाइप डाला जा चुका था। हाई क्वालिटी वाली यह मशीन एक घंटे में 5 से 6 मीटर तक ड्रिलिंग कर रही है पाइप को वेल्ड करने के लिए उसका एलाइनमेंट ठीक करने में ज्यादा समय लगता है। अब 24 मीटर तक ड्रिलिंग से सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचना आसान हो गया है।

40 जिंदगियों को बचाने की जंग जारी

सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए पीएमओ की निगरानी में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसीलिए आईटीबीपी और एनडीआरएफ के जवानों को सुरंग के अंदर तैनात किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, मलबे के बीच से ड्रिलिंग कर रास्ता बनाकर 800 मिमी, 900 मिमी व्यास के बड़े पाइप एक के बाद एक डाले जा रहे हैं।

मंगलवार से अधिकारी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मलबे में ड्रिलिंग कर रहे हैं। हालांकि, रात के दौरान एक और भूस्खलन की वजह से ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा। इसके बाद ड्रिलिंग मशीन भी खराब हो गई। मशीन खराब होने के कारण दो बार काम रोकना पड़ा। इसके बाद भारतीय वायु सेना के सी-130 हरक्यूलिस विमान द्वारा 25 टन वजन का एक बड़ी ड्रिलिंग मशीन लाई गई।

ड्रिलिंग का काम शुरू करने से पहले वहां पूजा-अर्चना की गई। गुरुवार को मौके पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि मजदूरों को बाहर निकालने में दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है। लेकिन ड्रिलिंग कार्य की गति के आधार पर उम्मीद की जा सकती है कि मजदूर शुक्रवार शाम तक बाहर आ जाएगें। इस बीच गुरुवार को सिल्कयारा पहुंचे राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनसे लगातार बातचीत की जा रही है। पाइप के जरिए उन तक ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पहुंचाया जा रहा है।

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