जानें क्या होता है डिटेंशन सेंटर ,असम में घुसपैठियों के लिए हो रहा है तैयार
देश में नागरिकता कानून को लेकर बवाल के बीच डिटेंशन सेंटर का मामला भी गर्माया हुआ है। जानें क्या है पूरा मामला;
नागरिकता कानून को लेकर देश में हिंसा के साथ-साथ जुबानी जंग भी तेज हो रही है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। इसको लेकर विपक्षी पार्टियां भी केन्द्र सरकार को कोस रही हैं। इस दौरान यह बातें भी समाने आई कि असम एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं बना पाए लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा।
दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस ने तुरंत अपने ट्विटर हैंडल से उन खबरों को साझा किया। जिसमें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के डिटेंशन सेंटर से जुड़े जवाब छापे गए हैं। लिखित जवाब में नित्यानंद राय ने बताया था कि असम सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 22 नवंबर तक राज्य के 6 डिटेंशन सेंटर में 22,988 लोग हैं।
हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से कोई लेनादेना नहीं है। सीएए से तो इसका दूर-दूर का वास्ता नहीं है। सीएए में शरणार्थी को नागरिकता देने का प्रावधान है। सीएए जब किसी को घुसपैठिया नहीं ठहराता है तो इसकी वजह से किसी को डिटेंशन सेंटर में रखने का सवाल ही कहां उठता है। शाह ने कहा कि डिटेंशन सेंटर की आवश्यकता अवैध तरीके से भारत आए विदेशियों को उसके देश वापस भेजे जाने तक रखे जाने के लिए होती है।
मटिया में डिटेंशन सेंटर का चल रहा है काम
असम के ग्वालपाड़ा जिले के मटिया में पहले डिटेंशन सेंटर (हिरासत केंद्र) का निर्माण कार्य चल रहा है। यह जगह गुवाहाटी से 129 किलोमीटर दूर है। यहां इसका बोर्ड भी लगाया गया है। इस सेंटर का करीब 65 फीसदी हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है। ढाई हेक्टेयर में बन रहे डिटेंशन सेंटर का काम दिसंबर 2018 से चल रहा है। इसे अब तक बन जाना चहिए था पर बारिश और बाढ़ के कारण इसमें देरी हो गई। इस डिटेंशन सेंटर में चार-चार मंजिलों वाली 15 इमारतें बन रही हैं। इनमें 13 इमारतें पुरुषों और 2 महिलाओं के लिए होगी। इसमे स्कूल और अस्पताल भी बनाया जा रहा है। ताकि यहां रहने वालों को मूलभूत सुविधाएं मिल सकें।
46 करोड़ रुपये किए जा रहे हैं खर्च
डिटेंशन सेंटर को बनाने के लिए 46 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस सेंटर में कुल 3 हजार घुसपैठियों को रखने की व्यवस्था होगी। फिलहाल असम के छह जिला जेलों में ही यह सेंटर चल रहे हैं। ये जेल डिब्रूगढ़, सिलचर, तेज़पुर, जोरहाट, कोकराझार और गोवालापारा में स्थित हैं। इनमें करीब 800 लोग अभी रह रहे हैं।
क्या होते है डिटेंशन सेंटर
किसी भी देश में उसके नागरिकता कानून के मुताबिक अगर किसी की नागरिकता पर संदेह होता है या वह कोई घुसपैठियां है, ऐसे लोगों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। यह एक प्रकार की जेल ही होती है। दुनिया के कई देशों में शरणाथियों के लिए यह सेंटर बनाए गए है। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, अफ्रीका और फ्रांस सहित कई देशों में यह सेंटर चल रहे है।
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