Shraddha Murder Case: जानिए क्या होता है DNA टेस्ट, अधिकारी ऐसे करते हैं सैंपल की जांच
दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड को सुलझाने के लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लिया गया। इसके लिए जंगल में मिली हड्डियों के डीएनए को श्रद्धा के पिता के डीएनए से मैच किया गया। दोनों डीएनए मैच होने के बाद यह पता चल गया कि जंगल में मिली हड्डियां श्रद्धा की ही है। जानिए क्या होता है डीएनए टेस्ट?;
दिल्ली में हुए श्रद्धा हत्याकांड को सुलझाने के लिए DNA जांच का सहारा लिया गया। पुलिस को जंगलों में किसी व्यक्ति की हड्डियां मिली थी। पुलिस को शक था कि यह श्रद्धा की हड्डियां है। इसके लिए जांच टीम ने जंगल में मिली हड्डियों का डीएनए को श्रद्धा के पिता के डीएनए से मैच किया। रिपोर्ट में दोनों का डीएनए मैच हो गया। इससे यह पता चला है कि हड्डियां श्रद्धा की ही हैं। किसी भी प्रकार के आपराधिक केस को बायोलॉजिकल सैंपल के आधार पर आसानी से सुलझाया जा सकता है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका डीएनए एनालिसिस निभाता है। आइए बताते हैं डीएनए क्या होता है और यह टेस्ट कैसे किया जाता है।
क्या होता है डीएनए टेस्ट?
डीएनए टेस्टिंग एक प्रकार का मेडिकल टेस्ट होता है। इस टेस्ट में जैव, क्रोमोसोम्स और प्रोटीन की पहचान की जाती है। डीएनए इंसानी शरीर की एक संरचना होती है। यह हमें अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है। डीएनए एक होने के कारण इंसान कई मामलों में अपने माता-पिता के तरह होते है। इसके कारण से किसी भी इंसान के DNA टेस्ट कर उसकी पिछली पीढ़ी की जानकारी मिल जाती है। कई क्राइम के मामलो में तो माता-पिता का डीएनए टेस्ट करवाया जाता है ताकि पता चल सके कि बच्चा उसका है या फिर नहीं।
कहां से लिया जा सकता है डीएनए सैंपल?
DNA जांच करने के लिए कई तरह से सैंपल लिए जा सकते हैं। सैंपल इंसान का खून, लार, थूक, नाखून, बाल, दांत, हड्डियां, यूरिन और वीर्य हो सकता है। इसके साथ ही इंसान के दस्ताने, कपड़े, यंत्र, हथियार, टूल्स, मास्क, टोपी, सेक्सुअल असॉल्ट एविडेंस किट, अंडर गारमेंट्स, बिस्तर, गंदे कपड़ों, कटे हुए नाखून, कप, बॉटल, सिगरेट के बड्स, टूथपिक, टूथब्रश, कंघी, कंडोम, चश्मा, लिफाफे आदि से लिया जा सकता है। अर्थात ऐसी सभी चीजें जिसे हम इस्तेमाल करते हैं, वह सैंपल के तौर पर ली जाती हैं।
डीएनए की टेस्टिंग इन छह स्टेप्स में होती हैं पूरी
पहले स्टेप में डीएनए को कोशिका से बाहर निकाला जाता है।
दूसरे स्टेप में यह पता किया जाता है कि कितना डीएनए मिला है। यानी क्वांटिटेशन कितनी है।
तीसरे स्टेप में डीएनए की कई कॉपीयां तैयार होती हैं।
चौथा स्टेप में एमप्लीफाइड डीएनए प्रोडक्ट को अलग-अलग किया जाता है।
पांचवे स्टेप में क्वांटिटी और क्वालिटी के हिसाब से डीएनए की तुलना की जाती है।
छठे स्टेप में डीएनए एनालिसिस की रिपोर्ट को जांचा जाता है। रिपोर्ट कितनी सटीक तैयार हुआ है।