Haribhoomi Explainer: पिछले 4 सालों में 4 सरकारें गिरी, राजनीतिक दल बता रहे इसे CBI-ED Raids का डर
CBI And ED Raids: कुछ समय पहले तमिलनाडु सरकार (Government of Tamil Nadu) में मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) से सीबीआई ने भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले में पूछताछ की। इसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। आखिरकार तमिलनाडु में सीबीआई (CBI) पर बैन लगा दिया गया। कई पार्टियों के नेता कहते हैं कि सीबीआई और ईडी का डर दिखाकर कई राज्यों में सरकार गिरा दी गई। पढ़ें पूरी अपडेट्स...;
CBI And ED Raids: इस समय पूरे देश में सीबीआई और ईडी चर्चा का विषय बने हुए हैं। ताजा मामला तमिलनाडु (Tamilnadu) का है, जहां प्रदेश सरकार में बिजली और आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी (Senthil Balaji) को धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत 14 जून को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि सैंथिल बालाजी के ऊपर नौकरी के बदले नगद घोटाले का आरोप है। यह घोटाला उस समय हुआ था, जब वे एआईएडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे। इस दौरान इनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके कारण इन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके बाद तमिलनाडु में इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ और आखिरकार मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (CM MK Stalin) ने राज्य में सीबीआई (CBI) को बैन कर दिया।
2019 में कर्नाटक में गिरी थी कुमारस्वामी सरकार
राजनीतिक गलियारों में ऐसा कहा जाता है कि जांच एजेंसियों के डर से पिछले 4 सालों में देश में 4 राज्य सरकारें गिर चुकी हैं। सबसे पहले हम कर्नाटक की बात करते हैं, जहां साल 2019 में कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी। बता दें कि 2018 में हुए कर्नाटक चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जिसे 104 सीटें मिली थी। कांग्रेस को 78 और जनता दल सेक्युलर को 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। आखिरकार कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने, लेकिन ये सरकार ज्यादा समय तक नहीं चली। जुलाई 2019 में कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया, जिसकी वजह से कुमारस्वामी सरकार गिर गई।
इसके बाद एमपी, महाराष्ट्र और बिहार में हुई राजनीतिक उठापटक
इसके बाद हम आते हैं मध्य प्रदेश पर, जहां मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 22 विधायकों को तोड़कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार को अल्पमत में ला दिया था। इसके बाद कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। महाराष्ट्र में भी कुछ इसी तरह का परिदृश्य पिछले साल देखने को मिला, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 42 विधायकों ने राज्य के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया था। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 30 जून 2022 को उद्धव को फ्लोर टेस्ट कहा गया, लेकिन उन्होंने उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया। अंत में शिवसेना शिंदे गुट ने भाजपा के साथ गठबंधन कर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। बिहार में मामला इन तीनों राज्यों से काफी अलग था। वहां पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ केंद्र में सत्तासीन पार्टी भाजपा थी। अगस्त 2022 में नीतीश ने भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बना ली।
विधायकों को दिखाया जाता है ED, CBI का डर: राजनीतिक दल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन सब राजनीतिक घटनाक्रमों के पीछे कहीें न कहीें सीबीआई, ईडी आदि जांच एजेंसियों का हाथ है। अक्सर मंत्रियों और विधायकों को ईडी और सीबीआई का डर दिखाया जाता है। इसकी वजह से कई बार वे अपनी पार्टी छोड़कर केंद्र में सत्तासीन भाजपा में शामिल हो जाते हैं, जिसके कारण राज्य सरकारें अल्पमत में आ जाती हैं और गिर जाती हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उनके विधायकों को भी सीबीआई और ईडी का डर दिखाकर खरीदने की कोशिश की गई। बता दें कि दिल्ली सरकार के 2 मंत्री फिलहाल भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद हैं। इनमें सत्येंद्र जैन के ऊपर मनी लॉड्रिंग और मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले का आरोप है। इसके अलावा बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके परिवार के अन्य सदस्यों से भी भ्रष्टाचार के मामले में पूछताछ चल रही है। पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजीरा भी ईडी के जांच के शिकंजे में हैं। तेलंगाना के सीएम केसीआर की बेटी और राज्यसभा सांसद के कविता भी आबकारी घोटाले के आरोप में जांच के घेरे में हैं।
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10 राज्यों में सीबीआई पर बैन
गौरतलब है कि फिलहाल देश के 10 राज्यों ने सीबीआई पर बैन लगा दी है। इन राज्यों में पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मेघालय, मिजोरम, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं। अगर इन राज्यों में सीबीआई को किसी भी व्यक्ति की जांच करनी है, तो उन्हें राज्य सरकार से पहले अनुमति लेनी पड़ेगी।
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