Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक खत्म, इन खास मुद्दों पर हुई बात
Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र चार राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद आयोजित किया जाएगा। इससे पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। पढ़ें इस बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा...;
Parliament Winter Session: केंद्र सरकार ने कहा कि वो संसद के शीतकालीन सत्र में सभी मुद्दों पर गहनता से चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ऑल पार्टी मीटिंग के बाद कहा कि सरकार रचनात्मक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित होने देने का भी आग्रह किया है। साथ ही कहा कि किसी तरह का व्यवधान ना पैदा किया जाए। सत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य हो सके। उन्होंने आगे कहा कि हमने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है, 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन है।
प्रह्लाद जोशी ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से शुरू होकर 22 दिसंबर तक चलेगा। इन 19 दिनों में 15 बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र को ध्यान में रखते हुए सर्वदलीय बैठक लोकसभा में उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई। मीटिंग में 23 दलों के 30 लोग शामिल हुए थे। विपक्षी दलों में से कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई, प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।
यह बैठक सत्र से दो दिन पहले बुलाई गई
आमतौर पर बैठक शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले बुलाई जाती है, लेकिन इस बार पांच राज्यों के चुनाव के नतीजे तीन दिसंबर को आने हैं। ऐसे में यह बैठक दो दिन पहले बुलाई गई है। इस सत्र में कई अहम बिल पेश हो सकते हैं। बता दें कि संसद में फिलहाल 37 बिल लंबित हैं। जिनमें से 12 को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वहीं, सात विधेयक संसद में पेश और पारित होने के लिए सूचीबद्ध हैं।
इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है
सरकार इस शीतकालीन सत्र में सदन में सात नए विधेयक पेश कर सकती है, जिसमें तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का विधेयक और जम्मू-कश्मीर और पुदुचेरी विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक शामिल है। इसके साथ ही सरकार भारतीय न्याय संहिता विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 सहित विभिन्न विधेयकों पर भी चर्चा कर सकती है, जो आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। सरकार ने सत्र के दौरान 18 विधेयक पेश किए, जिनमें महिला आरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी तक बढ़ाने के लिए दो और आपराधिक संहिता में संशोधन के लिए तीन विधेयक शामिल हैं।
आचार समिति की रिपोर्ट पेश होगी
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा सचिवालय द्वारा प्रसारित एजेंडा पत्रों के अनुसार, आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पैनल की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे, जिसे 6-4 बहुमत के साथ अपनाया गया था। रिपोर्ट का समर्थन करने वाले सदस्यों में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी शामिल थीं, जो अब भाजपा में हैं।