Women Reservation Bill लोकसभा में हुआ पेश, जानें विपक्ष के दिग्गजों ने क्या प्रतिक्रिया दी

Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश कर दिया गया है। ऐसे में इस बिल पर देशभर में चर्चा शुरू हो चुकी है। विपक्ष भी इस बिल को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। पढ़िए किसने क्या कहा...;

Update: 2023-09-19 14:40 GMT

Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को आज यानी मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस बिल पर चर्चा शुरू हो चुकी है। निचले सदन के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बिल का राज्यसभा से भी पास होना तय माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष ने खुद इस विधेयक को लाने की केंद्र सरकार से पेशकश की थी। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों इस बिल को संसद में वोट करने वाले हैं। बता दें कि महिला आरक्षण बिल के संसद में पेश होने के बाद देशभर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि इस बिल पर विपक्ष ने क्या कुछ कहा है।

यह अपना विधेयक है- सोनिया गांधी

कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बिल को लेकर कहा कि यह अपना विधेयक है। वहीं, बिहार की पूर्व सीएम और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने ट्वीट करते हुए कहा कि महिला आरक्षण के तहत वंचित, खेतिहर, उपेक्षित और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हों। उन्होंने कहा कि महिलाओं की भी जाती है। अन्य वर्गों की तीसरी-चौथी पीढ़ी शिक्षित हो चुकी है, लेकिन वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है। इसलिए आरक्षित सीटों में वंचित महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए।

महिलाओं को मूर्ख बनाने वाला बिल है- आतिशी

आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल का हम स्वागत करते हैं। हालांकि, इस विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होंगे। बीजेपी वालों को महिलाओं के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं। उन्होंने आगे कहा कि यह महिला आरक्षण विधेयक नहीं, बल्कि महिलाओं को मूर्ख बनाने वाला बिल है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस बिल को लेकर कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।

मुस्लिम महिलाओं को कोटा में हिस्सा मिलना चाहिए- ओवैसी

यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि देश की आबादी को देखते हुए महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के जगह 50 फीसदी आरक्षण देना चाहिए। अगर ऐसा होता तो हम इसका तहेदिल से स्वागत करते हैं। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि साल 1996 में जब इस तरह का बिल बनाया गया था और मनमोहन साहब की सरकार में बिल इंट्रोड्यूज हुआ था, उस समय से हमारी पार्टी का रुख एक ही है। उन्होंने कहा कि ओबीसी महिलाओं को और मुस्लिम महिलाओं को भी उस कोटा में हिस्सा मिलना चाहिए।

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