World Environment Day: इस धरती को रहने योग्य बनाए, सभी पर्यावरण दिवस मनाये

इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' रखी गई है। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली का अर्थ है मानवीय गतिविधियों से होने वाले नुकसान को रोकना और हमारी प्रकृति को ठीक करना।;

Update: 2021-06-05 00:41 GMT

                                        किसी शजर के सगे नहीं हैं ये चहचहाते हुए परिंदे

                                        तभी तलक ये करें बसेरा दरख़्त जब तक हरा भरा है

World Environment Day: किसी शायर की लिखी ये चंद लाइने, आज के दौर की सच्चाई को बयां करती है। हमारे पर्यावरण (Environment) के बिना हमारे जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। ऐसे में लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रदूषण पर स्टॉकहोम, स्वीडन में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था। इसके बाद पहली बार 5 जून 1974 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था और इसके बाद हर साल इसे मनाया जा रहा है।

बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल

जहां पूरी दुनिया इस समय कोरोना महामारी से जूझ रही है। एक तरफ तो इससे बचने के लिए कई शोध हो रहे हैं, तो दूसरी तरफ इस वैश्विक महामारी का कूड़ा हर जगह दिख रहा है - पीपीई सूट अस्पतालों और श्मशान घाटों के पीछे फेंके पड़े हैं, सर्जिकल मास्क और शील्डों को घरों के कूड़े के तौर पर फेंका जा रहा है और निश्चित तौर पर सेनेटाइजर की बोतलें, दस्ताने और इस तरह की चीजें सड़कों के कोने में मौजूद कचरा फेंकने वाली जगहों पर देखने को मिलती हैं।

देश में कचरा निस्तारण प्रणालियों के बेहतर न होने और बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल हर दिन बढ़ने के साथ प्लास्टिक कचरे के धरती पर हानिकारक प्रभाव और सुरक्षा को लेकर चिंता भी दिनों-दिन बढ़ रही है।

हालांकि, इस दिन पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कई तरह के जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और लोगों को पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित भी किया जाता है। लेकिन क्या एक दिन यह सब करने से हमारा पर्यावरण स्वच्छ हो जाएगा? बल्कि इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक होना पड़ेगा।

कोविड के दौरान हर दिन 132 टन कूड़ा

वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक भारत ने जून 2020 से 10 मई 2021 के बीच 45,038 टन कोविड-19 बायोमेडिकल कूड़ा पैदा किया यानी हर दिन कोविड-19 संबंधी 132 टन कूड़ा पैदा हुआ। यह कोविड-19 से पहले हर दिन उत्पन्न होने वाले 615 टन बायोमेडिकल कूड़े के अलावा है। इसका मतलब है कि केवल वैश्विक महामारी के कारण बायोमेडिकल कूड़ा उत्पन्न होने में 17 प्रतिशत वृद्धि हुई।

हालांकि, भारत इस बायोमेडिकल अपशिष्ट के अतिरिक्त बोझ से निपटने के लिए भारत अच्छी तरह से उपकरणों से लैस लगता है क्योंकि उसके पास एक दिन में 800 टन कचरा जलाने की राष्ट्रीय क्षमता है।

विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम

बहरहाल इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' रखी गई है। पारिस्थितिक तंत्र की बहाली का अर्थ है मानवीय गतिविधियों से होने वाले नुकसान को रोकना और हमारी प्रकृति को ठीक करना। इस विश्व पर्यावरण दिवस में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक का शुभारंभ होगा। हर तीन सेकंड में, दुनिया बहुत सारे जंगल खो देती है, और पिछली सदी में, हमने अपनी आधी आर्द्रभूमि को नष्ट कर दिया है। इस साल का मिशन जंगलों से लेकर खेतों तक अरबों हेक्टेयर को पुनर्जीवित करना है, और पहाड़ों और गहरे पानी के महासागरों को भी कवर करना है।

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