World Heritage Day 2022 : जानें कब और कैसे हुई विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत, आज इन ऐतिहासिक इमारतों में मिलेगी फ्री एंट्री
आज विश्व धरोहर दिवस 2022 (World Heritage Day 2022) है। विश्व की सांस्कृतिक धरोहर (Cultural Diversity) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है।;
आज विश्व धरोहर दिवस 2022 (World Heritage Day 2022) है। विश्व की सांस्कृतिक धरोहर (Cultural Diversity) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा यह दिन हमें अपनी सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करने की भी याद दिलाता है। अगर हम भारत की बात करें तो यहां कई ऐतिहासिक स्मारक (Historical Monuments) किले और धरोहर स्थल हैं, जिन्हें यूनेस्को द्वारा धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है।
यदि आपने इन धरोहर स्थलों को नहीं देखा है, तो आप यहां जा सकते हैं और भारत की सांस्कृतिक विविधता से परिचित हो सकते हैं। इसके अलावा हम आपको बता दे आज आपके पास देश के कई ऐतिहासिक स्मारकों के में नि:शुल्क घूमने का मौका है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के अनुसार, पर्यटक विश्व धरोहर दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक स्मारकों को मुफ्त में घूम सकते हैं। अपने परिवार के साथ ऐतिहासिक स्थानों की यात्रा करना अद्भुत अनुभवों में से एक है।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में एएसआई के तहत 174 ऐतिहासिक स्मारक हैं। इनमें से 11 स्मारकों में टिकट से ही एंट्री होती है। जिसमें लाल किला (Red Fort), कुतुब मीनार (Qutub Minar), हुमायूँ का मकबरा, सफदरजंग मकबरा, जंतर मंतर, पुराना किला, कोटला फिरोजशाह, तुगलकाबाद किला शामिल हैं। ऐसे में अगर आप विश्व धरोहर दिवस के खास मौके पर विजिट करेंगे तो आपको कोई टिकट नहीं लेना होगा बल्कि फ्री में ही एंट्री होगी।
ये हैं विश्व धरोहर दिवस की थीम
प्रत्येक वर्ष, विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर, स्मारक और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (International Council on Monuments and Sites) अपने सदस्यों, ICOMOS राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समितियों, कार्य समूहों और भागीदारों द्वारा आयोजित की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक विषय प्रस्तावित करता है। 2022 में, इस दिन को "विरासत और जलवायु" विषय के तहत मनाया जा रहा है।
1982 में विश्व धरोहर दिवस की हुई थी शुरुआत
18 अप्रैल 1982 को विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत की गई थी। वर्ष 1982 में 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाने की घोषणा की गई थी और उसके 1 साल बाद ही यानी 1983 में यूनेस्को महासभा ( UNESCO General Assembly) ने इसे पूर्ण मान्यता दी थी। जिससे लोगों में सांस्कृतिक विरासत (Cultural Heritage) के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़े है और वे इसे देखने के साथ ही इसके संरक्षण को लेकर अपनी जिम्मेदारी समझे। 1982 में 18 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय स्मारक (International Monuments) और स्थलों की परिषद द्वारा ट्यूनीशिया में पहला 'विश्व विरासत दिवस' मनाया गया था।