Haribhoomi Explainer: आज मनाया जा रहा है World Zoonoses Day 2023, यहां जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम
Haribhoomi Explainer: कोविड के बाद पशुओं से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों को पूरी दुनिया गंभीरता से लेना शुरू कर दी है। इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 6 जुलाई को वर्ल्ड जूनोज डे ( World Zoonoses Day) मनाया जाता है। पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाली बीमारियां जिन्हें जूनोटिक बीमारियां (Zoonotic diseases) कहते हैं। आजकल सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में जानते हैं कब और क्यों मनाया जाता है यह दिन साथ ही जानेंगे कि क्या है वर्ल्ड जूनोज डे 2023 की थीम।;
Haribhoomi Explainer: विश्व जूनोज दिवस (World Zoonoses Day) हर साल 6 जुलाई को उस विशेष दिन को मनाने के लिए मनाया जाता है जब जूनोज (Zoonoses) से लड़ने के लिए पहला टीकाकरण विकसित किया गया था। जूनोटिक रोग जानवरों या कीड़ों से मनुष्यों में फैल सकते हैं। हालांकि कुछ संक्रमण जानवरों को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं लेकिन वे मनुष्यों को बीमार कर सकते हैं। ये बीमारियां छोटी, अल्पकालिक बीमारियों से लेकर गंभीर, जीवन बदलने वाली स्थितियों तक हो सकती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 60% मानव संक्रमण (Human Infection) जानवरों या कीड़ों से उत्पन्न होते हैं। उन्हें ही जूनोटिक रोग (Zoonotic Diseases) कहा जाता है। इन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 6 जुलाई को वर्ल्ड जूनोज डे मनाया जाता है।
विश्व जूनोज दिवस 2023 की थीम
विश्व जूनोज दिवस 2023 की थीम (Theme) वन वर्ल्ड, वन हेल्थ प्रीवेंट जूनोज! स्टॉप द स्प्रेड कंट्रोल जूनोज डिजीज! प्रोटेक्ट एनीमल्स, प्रीवेंट जूनोज! (एक दुनिया, एक सेहत : जूनोज से बचाव! फैलने से रोके, जूनोज बीमारियों पर नियंत्रण! पशुओं की सुरक्षा, जूनोज से बचाव) रखी गई है।
विश्व जूनोज दिवस 2023 का इतिहास
साल 1885 में इसी दिन फ्रांसीसी (French) रसायनज्ञ और सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर (Louis Pasteur) ने रेबीज वायरस (Rabies Virus) के खिलाफ पहला टीकाकरण सफलतापूर्वक विकसित किया था। रेबीज वायरस जूनोटिक रोगों में से एक का कारण है और प्रजातियों के माध्यम से फैलने के लिए जाना जाता है। यह ज्ञात है कि जूनोटिक बीमारियां जानवरों और मनुष्यों के बीच तेजी से फैलती हैं, भले ही वे वेक्टर जनित हों या खाद्य जनित।
विश्व जूनोज दिवस का महत्व
यह दिन अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह जूनोटिक रोगों के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है और लोगों को जूनोटिक रोगों के विषय पर अधिक शोध, निष्कर्ष और अध्ययन के लिए प्रेरित करता है। यह हमें मच्छरों के काटने और किलनी से फैलने वाली जूनोटिक बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए, निवारक उपाय करने की भी याद दिलाता है। सभी नई पहचानी गई संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ कई मौजूदा बीमारियों में जूनोज का एक बड़ा प्रतिशत शामिल है। एचआईवी जैसी कुछ बीमारियां जूनोसिस के रूप में शुरू होती हैं, लेकिन बाद में मानव उपभेदों में बदल जाती हैं। इबोला वायरस (Ebola Virus) रोग और सालमोनेलोसिस (Salmonellosis) जैसे अन्य जूनोज रोग (Junoz disease) के बार-बार फैलने का कारण बन सकते हैं। विश्व जूनोज दिवस 2023 पर, बीमारी के खिलाफ पहला टीकाकरण दिवस मनाया जाता है और लोगों से बीमारियों के बारे में अधिक जागरूक होने का आग्रह किया जाता है।
इसलिए मनाया जाता है यह दिन
इंसानों को पशुओं से होने वाली बीमारियों के अध्ययन और रिसर्च पर जोर देने के लिए पहला विश्व जूनोज दिवस 6 जुलाई 1885 को मनाया गया था। वर्ल्ड जूनोज डे जीव वैज्ञानिक लुई पाश्चर के रेबीज का टीका खोजने में मिली सफलता की याद में मनाया जाता है। वर्ल्ड जूनोज डे के अवसर पर दुनिया भर में इन बीमारियों के कारण और बचाव के उपायों पर कार्यक्रमों का आयोजन कर जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही मानव और जीव-जंतुओं के बेहतर स्वास्थ्य बनाने के कार्यों को बढ़ावा दिया जाता है।
जूनोटिक रोगों से कैसे बचे
- अपने हाथ और चेहरे को स्वच्छ रखें।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर यात्रा के दौरान अपने चेहरे को ढंक लें, और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करें
- बिना पका हुआ भोजन बिलकुल न करें।
- अगर आपके पास कोइ जानवर हैं तो उसकी देखभाल करें और नियमित जांच करवाएं। साथ ही टीकाकरण भी करवाएं।
- अपने आस-पास के स्थान को स्वच्छ रखें।
- जानवरों से उचित दूरी पर रहें।
कौन से जानवर है ज्यादा खतरनाक
शोधकर्ताओं ने पाया है कि चमगादड़ में सबसे अधिक संख्या में अज्ञात रोगजनक होते हैं जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं। वर्तमान में 250 से अधिक ज्ञात जूनोटिक वायरस हैं। एक हालिया अध्ययन में पाया गया है कि अब तक रेबीज से सबसे अधिक 88.31% मौतें दर्ज की गई हैं।
विश्व जूनोज दिवस कैसे मनाएं
1. अपने पालतू जानवर का टीकाकरण करवाएं
यह एक गलत धारणा है कि घर के अंदर पालतू जानवरों को रेबीज टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होती है। यह जरूर सुनिश्चित करें कि आपकी बिल्ली या कुत्ते को उनके टीके लगें। सभी की सुरक्षा के लिए अपने टीकाकरण कार्यक्रम को हमेशा ध्यान दें।
2. अपने आप को टीका लगवाएं
यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को रेबीज के संपर्क में आने का खतरा है। जैसे पशु चिकित्सक या पशु संचालक हो तो खुद की अतिरिक्त देखभाल करना शुरू कर दें। प्री-एक्सपोजर रेबीज टीकाकरण करवाकर अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
3. एक पालतू आश्रमका समर्थन करें
पशु आश्रय स्थलों पर काम करना चुनौतीपूर्ण लेकिन फायदेमंद हो सकता है। उनका स्टाफ हमेशा अतिरिक्त मदद का स्वागत करता है, चाहे वह दान के रूप में हो या दिन-प्रतिदिन के कर्तव्यों में सहायता के लिए स्वेच्छा से हो। तो इस जूनोज दिवस पर कम से कम एक पालतू आश्रय स्थल पर जाकर कुछ श्रमदान अवश्य करें।
क्यों महत्वपूर्ण है विश्व जूनोज दिवस
- यह हमें जानवरों की देखभाल करने में मदद करता है
पालतू पशु मालिक की जिम्मेदारी न सिर्फ अपने पशुओं को भोजन और आश्रय ही उपलब्ध कराने की है। बल्कि इसके साथ ही जानवर और उसके आस-पास के सभी लोगों को सुरक्षित रखना भी उनकी जिम्मेदारी है और टीकाकरण ऐसा करने का एक तरीका है।
- यह हमें सावधान रहने की याद दिलाता है
जब बच्चे जानवरों के साथ रहें तो उन पर नजर रखें और साथ ही सतर्क रहें। यह मत समझिए कि अगर कोई जानवर मिलनसार है तो उसे छूना सुरक्षित है। जानवर कभी भी हिंसक हो सकते हैं और आपके लाडले को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- यह जूनोटिक रोगों से प्रभावित लोगों को याद करता है
पूरी दुनिया में विभिन्न जूनोटिक रोगों के प्रभाव से जीवन और आजीविका नष्ट हो गई है या बदल गई है। यह दिन हमें उनकी याद दिलाता है। और हमें उन बीमारियों से बचने का संदेश देता है।