मेडलों की नीलामी...देशव्यापी आंदोलन, पहलवानों को लेकर खाप पंचायत में कई प्रस्ताव
Wrestlers Protest: डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ पहलवानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन पर चर्चा के लिए खाप महापंचायत गुरुवार को सोरम गांव में आयोजित की गई। इस दौरान बैठक में कई प्रस्ताव आए। पढ़िये खाप पंचायत में आए प्रस्ताव...;
Wrestlers Protest: डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ पहलवानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन पर चर्चा के लिए खाप महापंचायत गुरुवार को सोरम गांव में आयोजित की गई। भाकेयू नेता नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने यह महापंचायत बुलाई थी। इसकी सबसे बड़ी बात यह है कि खाप पंचायत में सपा और RLD के विधायकों को भी जगह दे दी गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और सरधना से विधायक अतुल प्रधान और आरएलडी के नेता और बुढ़ाना से विधायक राजपाल बालियान ने खाप पंचों (Khap Panchayat) के मंच से जमकर केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला है। साथ ही, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहलवानों को समर्थन दिया है। इस बैठक में कई अहम प्रस्ताव आए हैं, जिसमें से एक प्रमुख यह था कि मेडल को गंगा में ना बहाकर उनकी इंटरनेशनल स्तर पर नीलामी की जाए।
राकेश टिकैत बोले- ये हमारा मौलिक अधिकार
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने खाप पंचायत में कहा कि इस देश के संविधान ने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का अधिकार दिया है, ये सभी का मौलिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे पहलवानों को जंतर-मंतर से उठा दिया गया है। टिकैत बोले कि पॉक्सो एक्ट में पहले गिरफ्तारी होती थी और फिर जांच की जाती थी, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह के लिए कानून अलग है। उन्होंने आगे कहा कि खाप के नेता राष्ट्रपति से मिलेंगे और महापंचायत का निर्णय कुरूक्षेत्र में सुनाया जाएगा। बीते बुधवार यानी 31 मई को तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कोलकाता में पहलवानों को समर्थन देते हुए मार्च निकाला था। यहां पढ़ें उनके मार्च की पूरी रिपोर्ट...
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार हम सभी को जाति में बांटने की कोशिश कर रही है। पहले उन्होंने पूरे देश में हिंदू मुस्लिम किया और फिर यूपी में हिंदू मुस्लिम करने के लिए भी आ गए थे। यह सरकार केवल बांटने की राजनीति करती है। साथ ही, उन्होंने कहा कि यह लड़कियां किसी जाति से नहीं हैं, वह केवल तिरंगा जाति से हैं। जब वह विदेश में मेडल जीतने के लिए गई थीं, तो वे तिरंगे के साथ गई थीं। टिकैत बोले कि अगर जरूरत पड़ी, तो यह लड़ाई देशव्यापी रूप से चलेगी।