Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र लिए ओवैसी ने सरकार से की ये तीन बड़ी मांगें, जानें डिटेल
Parliament Special Session: संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी (Prahlad Joshi) ने सितंबर में संसद का विशेष सत्र बुलाया है। अब विशेष सत्र में चर्चा के लिए ओवैसी ने सरकार से तीन बड़ी मांगें कर दी है।;
Parliament Special Session: केंद्र सरकार ने पार्लियामेंट स्पेशल सेशन बुलाकर सबको चौंका दिया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ( Prahlad Joshi) ने बीते दिन यानी 31 अगस्त को जानकारी देते हुए कहा कि 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र चलेगा। संसद के विशेष सत्र में कुल पांच बैठके होंगी। इस बीच संसद के स्पेशल सेशन के लिए AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से 3 मांग कर दी है।
ओवैसी की तीन मांगें
AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर चल रहे मनमुटाव का जिक्र करते हुए कहा कि संसद के स्पेशल सत्र में चीन के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। ओवैसी की दूसरी मांग रोहीणी आयोग की रिपोर्ट को लेकर है। उन्होंने संसद के विशेष सत्र में इस पर भी चर्चा की मांग की है। उनकी तीसरी मांग इसरो के वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा को लेकर है।
भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा
बता दें कि औवेसी ने संसद के विशेष सत्र और सत्र के एजेंडे की अटकलों पर बातचीत करते हुए समाचार एजेंसी से कहा,"हम शुरू से ही विशेष सत्र की मांग कर रहे थे, क्योंकि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर लिया है। चीन डेपसांग और डेमचोक को छोड़ नहीं रहा है। जब केंद्र सरकार एक विशेष सत्र बुला रही हैं, तो हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन पर चर्चा की अनुमति देंगे।
ओवैसी की दूसरी और तीसरी मांग
ओवैसी की दूसरी मांग पर कहा, रोहिणी आयोग ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसलिए हमारी मांग है कि केंद्र सरकार विशेष सत्र में एक विधेयक लाए ताकि 50% आरक्षण की सीमा को तोड़ा जा सके। उन्होंने तीसरी मांग करते हुए कहा, इसरो के वैज्ञानिकों और नीरज चोपड़ा को संसद में आमंत्रित किया जाए और सम्मानित किया जाए।
चौथी मांग पर क्या बोले ओवैसी?
AIMIM के चीफ की चौथी मांग वन नेशन, वन इलेक्शन को लागू करने के विरोध में हैं। उन्होंने कहा 'जो अटकलें हैं कि क्या वन नेशन, वन इलेक्शन होगा- ऐसा नहीं हो सकता। यह भारत के संविधान के खिलाफ होगा। क्योंकि, संघवाद भारत की मूल संरचना का एक हिस्सा है। ओवैसी ने कहा कि राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है। साथ ही विपक्ष शासित कई राज्य भी इसे स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमारी मांग है कि मोदी सरकार अभी से ही देश को बता दे कि शीतकालीन सत्र कब होगा।"