1 लाख लोगों का आधार, पैन से लेकर डार्क नेट पर बिक रहा पासपोर्ट डेटा, जाने क्या है पूरा मामला
साइबल ने रिपोर्ट में किया दावा सरकारी नहीं बल्कि थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से चोरी कर बेचा जा रहा डेट;
अब तक आप ने बैंक से लेकर क्रेडिट और डेबिट कार्ड (Credit and Debit Card) की चोरी होते सुना होगा, लेकिन अब इंटरनेट (Internet)के माध्यम से ही एक लाख से अधिक भारतीयों के (Aadhar and Pan Card) आधार से लेकर पैन और पासपोर्ट का डेटा चोरी कर दूसरे राष्ट्रीय पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी कर 'डार्क नेट' (Dark Net) पर बेचा जा रहा है। इसका दावा साइबर सिक्योरिटी फर्म साइबल (Cyble) ने किया है। इतना ही नहीं साइबल की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह डेटा किसी सरकारी नहीं बल्कि थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म से लीक किया गया है। बताया जाता है कि यह डाटा खास तौर पर तस्करी, आंतकवाद और दूसरे अवैध कामों के लिए किया जाता है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, साइबल का दावा है कि 'डार्क वेब' (Dark Web) पर मौजूद जानकारी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह डेटा किसी केवाईसी (नो योर कस्टमर) कंपनी के जरिए लीक हुई है। उन्होंने बातया कि जो डेटा डार्क वेब पर मौजूद है। उसमें (Aadhar and Pan Card) आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी शामिल है। डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा होता है। जहां सामान्य सर्च इंजन पहुंच ही नहीं पाते हैं। इसका इस्तेमाल करने के लिए एक खास सॉफ्टवेयर की जरूरत होती है।
ऐसे लीक हुए ये दस्तावेज, हो सकता है गलत इस्तेमाल
साइबर के रिसर्च में दावा किया गया है कि देश के अलग अलग हिस्सों में एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने गलत पहचान के लिए कथित रूप से दूसरे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है। इनमें करीब 1 लाख पहचान दस्तावेज हासिल कर उनके भारतीय होने की पुष्टि की है। वहीं ये सभी दस्तावेज स्कैन कॉपी के रूप में हैं। इन्हें किसी कंपनी द्वारा डेटाबेस से चोरी होने की संभावना है।