सुप्रीम कोर्ट ने कहा- बैंक लॉकर की जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकते बैंक, RBI को दिया ये निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को बैंकों में लॉकर फैसिलिटी मैनेजमेंट को लेकर छह महीने के अंदर नियम बनाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अधिकतर लोग बैंकिंग लॉकर सुविधा लेते हैं।;

Update: 2021-02-20 07:37 GMT

नई दिल्ली। बैंकिंग लॉकर (Locker) सुविधा को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक लॉकर सुविधा को लेकर बैंक अपने ग्राहकों से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई (RBI) को बैंकों में लॉकर फैसिलिटी मैनेजमेंट (Locker Facility Management) को लेकर छह महीने के अंदर नियम बनाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अधिकतर लोग बैंकिंग लॉकर सुविधा लेते हैं।

घरों में नकदी व गहने रखने से हिचक रहे लोग

जस्टिस एमएम शांतनगौडर और जस्टिस विनीत सरन की बेंच ने कहा कि वैश्वीकरण के साथ बैंक संस्थानों ने आम लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका हासिल की है। इसका कारण घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक लेन-देन का कई गुना बढ़ना है। कोर्ट ने कहा कि लोग घरों पर तरल संपत्ति यानी कि लिक्विड एसेट (नकदी, गहने आदि) रखने से हिचक रहे हैं, क्योंकि हम धीरे-धीरे कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं।

बेंच ने कहा कि आखिरकार, इसके साथ बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला लॉकर जरूरी सेवा बन गया है। इस प्रकार की सेवाएं नागरिकों के साथ विदेशी नागरिक भी ले सकते है। कोर्ट ने कहा कि हालांकि इलेक्ट्रानिक रूप से परिचालित लॉकर का विकल्प है, लेकिन इसमें गड़बड़ी करने वाले सेंध लगा सकते हैं। साथ ही अगर लोग तकनीकी रूप से जानकार नही हैं तो उनके लिए ऐसे लॉकर को ऑपरेट करना भी कठिन होता है। पीठ ने कहा कि ग्राहक पूरी तरह से बैंक पर आश्रित हैं, जो उनकी संपत्ति के संरक्षण के लिये काफी सक्षम पक्ष है।

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