सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर: चार लाख से अधिक कर्मियों का डेढ़ साल से रुका बकाया महंगाई भत्ता इस महीने देगी सरकार

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। यहां बीते डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी की वजह से जिन कर्मचारियों का बकाया महंगाई भत्ता रुका हुआ था उसे अब सरकार ने देने का फैसला किया है।;

Update: 2021-01-12 07:53 GMT

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी राहत देने का फैसला किया है। यहां बीते डेढ़ साल से कोरोना वायरस महामारी की वजह से जिन कर्मचारियों का बकाया महंगाई भत्ता रुका हुआ था उसे अब सरकार ने देने का फैसला किया है। इससे 4.47 लाख सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। सरकार ने इस साल मई में इसका भुगतान करने की तैयारी की है। साथ ही, पिछले साल जुलाई में रोकी गई वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) का लाभ दिया जाना है। इस लाभ के बगैर 18 हजार कर्मचारी पिछले साल रिटायर हो चुके हैं। इस साल भी 21 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होना है।

बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी के कारण देश भर में आर्थिक संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है। वहीं इस बीमारी ने राज्य सरकारों के सामने इस आर्थिक संकट से निपटने की चुनौती भी खड़ी कर दी है। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि जैसे-जैसे प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधरेगी राज्य के कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ते, वार्षिक वेतन वृद्धि और सातवें वेतनमान की अंतिम किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का भी कहना है कि इस साल बजट पारित होने के बाद 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में यह लाभ कर्मचारियों को मिल सकते हैं जिनका भुगतान अप्रैल-मई महीने में होगा। इस पर अनुमानित वार्षिक खर्च 2742 करोड़ रुपए के करीब है।

कमलनाथ सरकार गिरने की वजह से उलझा मामला

प्रदेश में कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि (जब से केंद्र ने अपने कर्मचारियों को लाभ दिया है) से महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाता रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ 1 जुलाई से मिल रहा है। प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने फरवरी 2020 में महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी किए थे, लेकिन उनकी सरकार गिर गई। इसके बाद कोरोना संकट की वजह से राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी। इसके बाद डेढ़ साल से कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा है। जुलाई से होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है। यह दोनों लाभ देने पर हर साल 2740 करोड़ करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। इसमें हर महीने डीए पर 225 करोड़ रुपये, जबकि 2742 करोड़ रुपये वार्षिक वेतन वृद्धि पर अतिरिक्त खर्च होंगे।

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