मिडिल क्लास की बचत पर बोर्ड की मार, EPFO ने ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी की तय
शनिवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), राज्य द्वारा संचालित सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक और लाखों वेतनभोगी मिडिल क्लास भारतीयों के लिए एक लोकप्रिय बचत योजना 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाने का फैसला किया है।;
शनिवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation), राज्य द्वारा संचालित सेवानिवृत्ति निधि प्रबंधक और लाखों वेतनभोगी मिडिल क्लास (Middle Class) भारतीयों के लिए एक लोकप्रिय बचत योजना 2021-22 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अब ईपीएफओ (EPFO) ने ईपीएफ (EPF) जमा पर 8.1 फीसदी ब्याज दर तय की है।
बता दें कि पिछले साल (2020-21) में, फंड मैनेजर ने बचत पर ब्याज दर को 8.5% पर स्थिर रखा, लेकिन शनिवार को किया गया संशोधन वर्षों में सबसे कम है। ब्याज दर को कम करने का निर्णय, जो व्यापक रूप से देखा जाने वाला बचत का एक कामकाजी वर्ग मीट्रिक है, लगभग 60 मिलियन सक्रिय ईपीएफओ ग्राहकों को परेशान कर सकता है। क्योंकि ये उनके लिए भविष्य निधि सेवानिवृत्ति के लिए सेविंग्स करने का एकमात्र तरीका है।
ईपीएफओ के बोर्ड सदस्य विरजेश उपाध्याय ने एक अंग्रेजी मीडिया हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि "आज की बैठक में, ईपीएफओ की आम सहमति यह रही है कि वह संगठन की कमाई और जमा की वर्तमान स्थिति के आधार पर जमा पर 8.1% ब्याज का भुगतान करेगा।" बताते चलें कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत भविष्य निधि बचत अनिवार्य है। ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक, किसी कर्मचारी के मूल वेतन का कम से कम 12 फीसदी भविष्य निधि में जमा करने के लिए अनिवार्य रूप से काटा जाता है, जबकि एक नियोक्ता अन्य 12 फीसदी का सह-योगदान करता है।