Google ने भारत में पेश किया न्यूज शोकेस, 50 हजार पत्रकारों, छात्रों को सिखाएगा डिजिटल हुनर, आप भी ऐसे कर सकते हैं Apply
समाचार शोकेस दल प्रकाशकों की पसंद के अनुसार लेखों को बढ़ावा देता है, और उन्हें खबर के साथ अतिरिक्त संदर्भ देने की अनुमति भी देता है, ताकी पाठकों में इस बात की बेहतर समझ बन सके कि उनके आसपास क्या हो रहा है।;
नई दिल्ली। टेक्नोलॉजी सेक्टर की दिग्गज कंपनी गूगल (Google) ने भारत में अपना न्यूज शोकेस (News Showcase) प्रॉडक्ट लॉन्च कर दिया है। गूगल ने 30 समाचार संगठनों के साथ मिलकर न्यूज शोकेस रोलआउट किया है। गूगल के मुताबिक, ऐसे वक्त में जब विश्वसनीय खबरों तक पहुंच की जरूरत बेहद अहम हो गई है। तब भारत की बड़ी और विविधता भरी न्यूज इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए कंपनी बड़े इनवेस्टमेंट्स (Investments) की घोषणा कर रही है। इसके साथ ही गूगल भारत में अगले तीन वर्षों के दौरान समाचार संगठनों और पत्रकारिता विद्यालयों के 50 हजार पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को डिजिटल हुनर सिखाएगा।
लेखों को मिलेगा बढ़ावा
गूगल के उपाध्यक्ष (उत्पाद प्रबंधन) ब्रैड बेंडर ने कहा कि हम अब प्रकाशकों की मदद के लिए News Showcase पेश कर रहे हैं, ताकि लोगों को भरोसेमंद खबर मिल सके, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में जब कोविड संकट जारी है। समाचार शोकेस दल प्रकाशकों की पसंद के अनुसार लेखों को बढ़ावा देता है, और उन्हें खबर के साथ अतिरिक्त संदर्भ देने की अनुमति भी देता है, ताकी पाठकों में इस बात की बेहतर समझ बन सके कि उनके आसपास क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये समाचार दल ब्रांडिंग सुनिश्चित करते हैं, और उपयोगकर्ताओं को प्रकाशकों की वेबसाइट पर ले जाते हैं। गूगल न्यूज शोकेस भारत में 30 राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समाचार संगठनों के साथ शुरू किया गया है और आने वाले दिनों में इस संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी।
इन देशो में पहले से उपलब्ध है सेवा
गूगल की यह सेवा जर्मनी, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, चेकिया, इटली और अर्जेंटीना सहित एक दर्जन से अधिक देशों में उपलब्ध है। भारत में गूगल के कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल में समाचारों की खपत बढ़ रही है, वहीं उपभोक्ता आदतों में बदलाव भी आ रहा है, जिसमें अधिक युवा उपभोक्ता समाचार के लिए डिजिटल पहुंच का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि कंपनी अगले तीन वर्षों में 50,000 से अधिक पत्रकारों और पत्रकारिता के छात्रों को प्रशिक्षित करेगी और इसके तहत खबरों के सत्यापन, फेक न्यूज से निपटने के उपायों और डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल पर खासतौर से ध्यान केंद्रित किया जाएगा।