अब चीनी बढ़ा सकती है घर की रसोई का खर्च, गन्ना किसानों को राहत के लिए सरकार उठा सकती है ये कदम

सरकार द्वारा जल्द ले सकती है फैसला। लोगों के जेब पर बढ़ जाएगा खर्च।;

Update: 2020-07-07 08:42 GMT

पेट्रोल और डीजल के बाद जल्द ही आपका रसोई खर्च भी बढ़ सकता है। इसकी वजह जल्द ही सरकार द्वारा चीनी के दाम बढाना हो सकता है। गन्ना किसानों को राहत देने के लिए सरकार जल्द ही चीनी के मिनिमम सेलिंग प्राइस को बढ़ा सकती है। इसके लिए सचिव कमेटी ने एमएसपी पर 2 रुपये बढाने की अनुमति भी दे दी है। माना जा रहा है कि इस फैसले से शुगर मिलों का कैश फ्ले बढ़ जाएगा और आसानी से किसानों के बकाए का भुगतान कर पाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सचिवों के एक समूह ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में कीमत बढ़ाने को लेकर अनुमति दे दी है। देश के बड़े चीनी उत्पादक राज्यों के सुझाव के बाद इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और यह एक सही फैसला हो सकता है। इस फैसले पर नीति आयोग ने भी मोहर लगा दी है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस फैसले से सीधे किसानों को मदद मिलेगी। वहीं पिछली बार सरकार ने फरवरी 2019 में चीनी के एमएसपी में वृद्धि की थी। जब इसे 31 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया गया था।

गन्ना किसानों के 20 हजार करोड़ से ज्यादा बकाया

वहीं चीनी उत्पादन वर्ष की गणना हर साल 1 अक्टूबर से अगले साल 30 सितंबर तक की जाती है। ऐसे में अगर स्टेट एडवाइस प्राइज देखें तो चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 22 हजार 79 करोड़ रुपये हो गया है। जो कही अधिक है। जबकि केंद्र द्वारा घोषित Fair & Remunerative Price ( FRP ) के लिहाज़ से ये बक़ाया 17 हजार 683 करोड़ रुपये होता है। वहीं एफआरपी केंद्र सरकार घोषित करती है। जबकि राज्य सरकारें उस दर में अपनी तरफ से जो अतिरिक्त दाम लगा देती हैं। 

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