अब आपको पोस्टपेड से प्रीपेड या प्रीपेड को पोस्टपेड में बदलने पर नहीं चेंज करना होगा सिम कार्ड, एक ओटीपी के जरिये हो जाएगा काम, जानें कैसे
मोबाइल फोन उपभोक्ता जल्द ही ओटीपी आधारित सत्यापन के जरिये अपने फोन कनेक्शन को पोस्टपेड से प्रीपेड या प्रीपेड से पोस्टपेड में बदल सकेंगे। दूरसंचार विभाग के एक नोट के अनुसार इसके लिए ग्राहकों को अपना सिम कार्ड बदलने की जरूरत नहीं होगी।;
नई दिल्ली। अकसर देखा जाता है कि पोस्पेड कनेक्शन (Post Connections) वाले यूजर्स अपने कनेक्शन को प्रीपेड (Prepaid Connections) में और प्रीपेड वाले पोस्टपेड में बदलने की जुगत में लगे रहते हैं, पर इसके प्रोसीसर का सोच कर वह ऐसा नहीं कर पाते। लेकिन अगर आप भी अपना कनेक्शन चेंज करने का सोच रहे हैं तो यह खबर आप ही के लिए है क्योंकि अब मोबाइल फोन उपभोक्ता जल्द ही ओटीपी आधारित सत्यापन के जरिये अपने फोन कनेक्शन को पोस्टपेड से प्रीपेड या प्रीपेड से पोस्टपेड में बदल सकेंगे। दूरसंचार विभाग (Telecom Department) के एक नोट के अनुसार इसके लिए ग्राहकों को अपना सिम कार्ड बदलने की जरूरत नहीं होगी। उद्योग संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने दूरसंचार विभाग को इस व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।
ये कंपनियां हुईं शामिल
विभाग ने दूरसंचार ऑपरेटरों से इस के लिए अवधारणा के प्रमाण (POC) पर काम करने को कहा है। दूरसंचार विभाग के नोट में कहा गया है कि OTP के जरिये कनेक्शन में बदलाव पर अंतिम फैसला POC के नतीजे पर निर्भर करेगा। दूरसंचार विभाग के एडीजी सुरेश कुमार ने 21 मई को जारी नोट में कहा है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता प्रीपेड कनेक्शन को पोस्टपेड या पोस्टपेड को प्रीपेड में बदलने के लिए प्रक्रिया के तहत पीओसी पर काम करेंगे। पीओसी के नतीजे के बाद इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। सीओएआई के सदस्यों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं।
ओटीपी आधारित सत्यापन एक स्वीकार्य नियम
सीओएआई ने नौ अप्रैल को दूरसंचार विभाग से आग्रह किया था कि ग्राहकों को नए सिरे से अपने ग्राहक को जानो यानी केवाईसी प्रक्रिया (KYC process) के बिना पोस्टपेड से प्रीपेड और प्रीपेड से पोस्टपेड में स्थानांतरित होने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए एकबारगी पासवर्ड यानी ओटीपी का इस्तेमाल होना चाहिए। नोट में कहा गया है कि आज सभी क्षेत्रों में ओटीपी आधारित सत्यापन एक स्वीकार्य नियम है और नागरिक केंद्रित ज्यादातर सेवाओं की पेशकश इसी के जरिए की जाती है। नोट के अनुसार मौजूदा दौर में ग्राहकों की सुविधा के लिए संपर्करहित सेवाओं को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।