करोड़ों किसानों ने 48 दिन में नहीं लौटाया कर्ज तो 4 की जगह भरना पड़ेगा 7 प्रतिशत ब्याज
देश के 7 करोड़ से भी ज्यादा किसानों ने लिया है क्रेडिट कार्ड लोन। अगले 48 दिनों के भीतर लोन न भरने पर 4 की जगह 7 प्रतिशत की दर से ब्याज के साथ लौटाना होगा कर्ज।;
कोरोना काल और लॉकडाउन खत्म होने के बाद जहां उद्योगपतियों से लेकर नौकरी पेशा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब उसमें किसान भी शामिल हो गये हैं। इसकी वजह किसानों द्वारा (Kisan Credit Card) किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया कर्ज अगले 48 दिनों में वापस न करने पर लगभग उस लोन पर लगभग (Interest Rate) दोगुना ब्याज लग जाएगा। यानि 4 प्रतिशत की जगह किसानों को 7 प्रतिशत की दर से ब्याज भरना पड़ सकता है। सरकार ने खेती कर रहे किसानी के लोन पर 31 अगस्त तक पैसा जमा करने की मोहलत दी है। इसबीच पैसा जमा न करने पर 7 करोड़ किसानों को 4 प्रतिशत ब्याज लगेगा। वहीं इसके बाद ब्याज की दर 4 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दी जाएगी। इस से किसानों पर काफी बोझ बढ़ जाएगा।
सरकार ने लॉकडाउन के बीच 6 महीने की दी मोहलत
दरअसल, किसानों द्वारा बैंक से केसीसी के फेबर में लिए गये कर्ज को वापसी की आखिरी तारीख 31 मार्च होती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से सरकार ने इस तारीख को आगे बढा दिया था। अब सरकार ने लोन वापसी की आखिरी तारीख 31 अगस्त रख दी है। हालांकि किसान इस समय पर रुपया जमा कर दोबारा से लोन ले सकते हैं। ज्यादातर किसान समय पर पैसा जमा करके ब्याज में छूट का लाभ उठा लेते हैं। इसके बाद फिर से अपने (KCC Card) केसीसी कार्ड पर लोन ले लेते हैं। इस तरह से बैंक में उनका रिकॉर्ड भी अच्छा बना रहता है और उन्हें ब्याज भी अधिक नहीं देना पडता।
किसान क्रेडिट कार्ड पर इस ब्याज दर से मिलता है लोन
सरकार द्वारा खेती करने वाले किसानी के लिए (KCC) किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने की योजना है। किसान इस कार्ड पर लोन ले सकता है। इसमें 3 लाख रुपये तक का लोन लेने पर किसान को सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज देना होता है। हालांकि इस पर ब्याज दर 9 प्रतिशत होती है, लेकिन इसमें से 2 प्रतिशत की सरकार सब्सिडी देती है। वहीं बची 7 प्रतिशत ब्याज दर में किसान द्वारा एक साल में निर्धारित समय पर रुपया कर्ज लौटाने पर 3 प्रतिशत ब्याज पर माफ कर दिया जाता है। इस तरह से किसान को (Kisan Credit Card) किसान क्रेडिट कार्ड पर समय पर लेन देन करते रहने पर कर्ज पर सिर्फ 4 प्रतिशत का ब्याज भरना पडता है। वहीं समय से यह कर्ज वापस न करने पर किसान को 7 प्रतिशत की ब्याज दर से लोन वापस करना पडता है।