जानिए कैसे बिना TDS जमा किए EPF खाते से निकाल सकेंगे पैसा? PF को लेकर जानें टैक्स का नया नियम

EPF Account: क्या आप जानते हैं कि ईपीएफ से पैसे निकालने को लेकर टैक्स के कई नियम होते हैं? आज हम आपको ईपीएफ के कुछ जरूरी नियम बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं...;

Update: 2022-03-09 10:55 GMT

कर्मचारी भविष्य निधि यानी एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड (Employees Provident Fund) एक रिटायरमेंट स्कीम होती है, जोकि 60 साल की उम्र के दौरान रिटायर होने पर काम आने वाला पैसा होता है। ऐसे में अपने बुढ़ापे को बिना आर्थिक चिंता के सुकून से गुजारा जा सकता है। हालांकि, ईपीएफ (EPF) के पैसों को जरूरत पड़ने पर भी निकाला जा सकता है। वहीं, क्या आप जानते हैं कि ईपीएफ (EPF New Rule) से पैसे निकालने को लेकर टैक्स के कई नियम होते हैं? इस पर कब निकासी करने पर टैक्स लगता है और कब नहीं? अगर टैक्स लगाया जाता है तो क्या उस पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स लगता है? ईपीफ की निकासी पर कितने समय के बाद टैक्स नहीं लगाया जाता है? आज हम आपको ईपीएफ के कुछ जरूरी नियम बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं...

अप्रैल से लागू होगा PF पर नया टैक्स नियम

गौरतलब है कि 1 अप्रैल से प्रोविडेंट फंड पर टैक्स के लिए नया नियम लागू किया जाएगा। इसके तहत 2.5 लाख से ज्यादा PF जमा करने पर उससे मिलने वाले ब्याज दर पर भी टैक्स लगाया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में पीएप पर 8.5 प्रतिशत तक का ब्याज दर दिया जा रहा है। जोकि एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट, एग्जेम्प्ट (EEE) कैटेगरी में शामिल है। इतना ही नहीं 80C सेक्शन के तहत पीएफ पर टैक्स डिडक्शन का फायदा भी मिलता है। 

प्रोविडेंट फंड के नए नियमों की अहम बातें क्या है?

  • मौजूदा PF खातों को कर योग्य (Taxable) और गैर-कर योग्य योगदान (Non-Taxable Contribution) खातों में विभाजित किया जाएगा।
  • इन गैर-कर योग्य योगदान में खाता बंद करना भी शामिल होगा। दरअसल, 31 मार्च, 2021 इसकी तारीख होती है। 
  • अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2022 से पीएफ को लेकर नए नियमों को लागू किया जा सकता है। 
  • नए नियम के तहत एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड में सालाना 2.5 से ज्यादा जमा होने पर टैक्स लागाया जाएगा। ये आईटी के नए नियमों में एक नई धारा 9D में शामिल है। 
  • पीएफ खाते में दो अलग-अलग खाते बनाए जाएंगे, जिससे कर योग्य ब्याज की गणना की जाएगी। 

आईटी नए नियम की नई धारा 9D क्या है?

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) द्वारा पीएफ को लेकर नई धारा 9D सूचित किया गया है। इसके तहत पीएफ की जमा राशि (Tax on EPF contribution) पर मिले ब्याज पर टैक्स की गणना की जाएगी। 9D के तहत पीएफ में 2 अलग-अलग खाते होंगे। इनमें पहला टैक्सेबल अकाउंट तो दूसरा नॉन-टैक्सेबल अकाउंट होगा। 

उदाहरण से समझेें EPF का नया टैक्स नियम

नए नियम के तहत ईपीएफ अकाउंट में 2.5 लाख रुपये से ऊपर जमा के ब्याज पर टैक्स देना होगा। उदाहरण के लिए जैसे आपने कर्मचारी के तौर पर अपने ईपीएफ खाते में 3 लाख रुपये तक का निवेश किया है और उस पर आपको 50 हजार रुपये का अतिरिक्त पर मिल ब्याज पर टैक्स देना होगा। इसकी सीमा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये तक की ही होगी।

टैक्सेबल अकाउंट

ईपीएफ के नए नियम के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में किसी के ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये से ऊपर जमा के ब्याज पर टैक्स देना होगा। इस रकम को कैलकुलेशन के लिए टैक्सेबल अकाउंट में जमा किया जाएगा। हालांकि, इस पर मिले ब्याज पर टैक्स काटा जाएगा। 

नॉन टैक्सेबल

नए नियम के अनुसार जिसके ईपीएफ में 31 मार्च 2022 तक 5 लाख रुपये जमा हैं उन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा।

इन टैक्सपेयर्स को नहीं पड़ेगा फर्क

1 अप्रैल, 2022 यानी अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने पर इस नए नियम को लागू किया जाएगा। हालांकि, इस नियम के तहत 2.5 लाख रुपये की सीमा का लाभ अधिक्तर पीएफ अकाउंट होल्डर को हो सकेगा। हालांकि, इस नए नियम के आने से छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये नया नियम उच्च आय वाले कर्मचारियों को खासतौर पर प्रभावित करेगा। इसका मतलब ये हुआ कि इस नए नियम से कम आय या एवरेज आय वाले कर्मचारियों को किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

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