थिंक टैंक की रिपोर्ट में जताई गई उम्मीद, भारत ब्रिटेन को पछाड़कर आने वाले दस सालों में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा
इस साल कोरोना महामारी की वजह से देश की बिगड़ी अर्थव्यस्था में सुधार होने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसा लगता है कि भारत, जो 2020 में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के लिए पीछे धकेल दिया गया था, फिर से 2025 में ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा, ऐसा थिंक टैंक ने शनिवार को कहा।;
नई दिल्ली। इस साल कोरोना महामारी की वजह से देश की बिगड़ी अर्थव्यस्था में सुधार होने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसा लगता है कि भारत, जो 2020 में दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के लिए पीछे धकेल दिया गया था, फिर से 2025 में ब्रिटेन से आगे निकल जाएगा और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा, ऐसा थिंक टैंक ने शनिवार को कहा।
इस साल छठे स्थान पर आई अर्थव्यवस्था
कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था एक पायदान नीचे खिसक कर छठे स्थान पर आ गयी है। भारत 2019 में ब्रिटेन से ऊपर निकल कर पाचवे स्थान पर पहुंच गया था। ब्रिटेन के प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान सेंसटर फार इकोनॉमिक एंड बिजनस रिसर्च (सीईबीआर) की वार्षिक रपट में कहा गया है कि भारत महामरी के असर से रास्ते में थोड़ा लड़खड़ा गया है। इसी का परिणाम है कि भारत 2019 में ब्रिटेन से आगे निकलने के बाद इस साल ब्रिटेन से पीछे हो गया है। ब्रिटेन 2024 तक आगे बना रहेगा और उसके बाद भारत आगे निकल जाएगा। ऐसा लगता है कि रुपये के कमजोर होने से 2020 में ब्रिटेन इस लिए पुन: भारत से ऊपर आ गया।
अगले दो साल के संभावित आंकड़े
रपट में अनुमान है कि 2021 में भारत की वृद्धि 9 प्रतिशत और 2022 में 7 प्रतिशत रहेगी। सीईबीआर का कहना है कि 'यह स्वाभाविक है कि भारत जैसे जैसे आर्थिक रूप से अधिक विकसित होगा, देश की वृद्धि दर धीमी पड़ेगी और 2035 तक यह 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी। आर्थिक वृद्धि की इस अनुमानित दिशा के अनुसार अर्थव्यवस्था के आकार में भारत 2025 में ब्रिटेन से, 2027 में जर्मनी से और 2030 में जापान से आगे निकल जाएगा। संस्थान का अनुमान है कि चीन 2028 में अमेरिका से ऊपर निकल कर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा। संस्थान ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति कोविड19 से पहले ही मंद पड़ने लगी थी। 2019 में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रह गयी थी जो दस साल की न्यूनतम वृद्धि थी।