चीन से आयात रोकने के लिए भारत को बनना होगा ज्यादा विनिर्माण और प्रतिस्पर्धी, मारुति के चेयरमैन ने बताये फायदे
मारुति के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा, आयात करना सही नहीं है, लेकिन अभी इसके अलावा नहीं है कोई विकल्प और विकल्प। आयात को रोकने के लाभ और फायदें को लेकर दी जानकारी।;
जहां देश भर में एक तरफ चाइना से लेकर उसके सामान के बॉयकोट को लेकर लगातार आवाज उठ रही और लोग बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे में चाइना से आयात रोकने के लिए पहले हमें विनिर्माण को बहुत ही ज्यादा प्रतिस्पर्धी, गहरा और व्यापक बनाने की जरूरत होगी। यह बात देश की सबसे बडी ऑटो कंपनी मारुति के चेयरमैन ने कही है। उन्होंने दावा किया कि लंबे समय तक आयात करना वास्तव में किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ उत्पादों का आयात जारी रहेगा। इसकी वजह हमारे पास सीमित विकल्प होना है।
दरअसल, मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा कि आज भी गाडियों में इस्तेमाल होने वाले कई पार्टस ऐसे हैं। जो भारत में उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। जो हैं उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इसके साथ ही उनके प्राइस में भी काफी अंतर है। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी के प्रमुख ने कहा कि हर कोई जानता है कि एक समय के बाद उत्पादों का आयात रुपये के कमजोर होने से महंगा होता जाता है। यदि 10 साल पहले आप कोई सामान मंगा रहे थे, तो आज आपको वह 60 से 70 प्रतिशत महंगा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में आयात करना किसी के व्यावसायिक हित में नहीं है। आप तभी आयात करते हैं। जब आपके पास सीमित विकल्प हों। उन्होंने कहा कि अभी जो भावना चल रही है। उन सभी का जवाब यही है कि आप भारतीय विनिर्माण को अधिक प्रतिस्पर्धी, गहरा और व्यापक बनाएं। ''
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर' की जो बात की है। उसका आशय इसी से है। यदि आप भारत में प्रतिस्पर्धी मूल्य पर सामान का उत्पादन करते हैं, तो लोग उनका आयात नहीं करेंगे। यह पूछे जाने पर कि लद्दाख सीमा पर भारत-चीन तनाव की वजह से चीनी आयात के खिलाफ जो आवाजें उठ रही हैं। उनसे वाहन और अन्य क्षेत्रों की कंपनियां चिंतित हैं, भार्गव ने कहा कि सीमा पर जो हुआ है उसको लेकर यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। पाकिस्तान के मामले में भी ऐसा हुआ था। यह नीति नहीं बन जाता। मुझे लगता है कि नीति-निर्माता कोई नीति बनाने या हटाने से पहले सावधानी से विचार करते हैं। वे भावनाओं के हिसाब से प्रतिक्रिया नहीं देते। उन्होंने भारत में उद्योगों द्वारा आयात करने की वजह बताते हुए कहा, या तो वह उत्पाद भारत में बनता नहीं है, उपलब्ध नहीं है। या फिर उपलब्ध है भी, तो उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है। वह काफी महंगा है। आयात रोकने से भारत को फायदा होगा या नुकसान, इस सवाल पर भार्गव ने कहा कि अगर गैरजरूरी सामान है, तो हमें नुकसान नहीं होगा, लेकिन किसी आवश्यक सामान का आयात रोका जाता है, तो इससे हमें चीन से अधिक नुकसान होगा।