इस साल के अंत तक Digital Currency Model ला सकता है रिजर्व बैंक
केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है।;
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) इस साल के अंत तक डिजिटल करेंसी का मॉडल (Digital Currency Model) ला सकता है। केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (Deputy Governor T Ravi Shankar) ने यह बात कही। उन्होंने इस बात को दोहराया कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पेश करने की संभावनाओं का आकलन कर रहा है। वह इसके विभिन्न पहलुओं मसलन दायरे, प्रौद्योगिकी, वितरण तंत्र तथा अनुमोदन की व्यवस्था पर गौर कर रहा है। इससे पहले शंकर ने 22 जुलाई को कहा था कि भारत भी चरणबद्ध तरीके से डिजिटल मुद्रा पर विचार कर रहा है। यह इसके लिए सही समय है। चीन ने पहले ही डिजिटल मुद्रा का परीक्षण के तौर पर प्रयोग शुरू किया है।
वहीं बैंक ऑफ इंग्लैंड (Bank of England) तथा अमेरिका का केंद्रीय बैंक (central bank of america) भी इसपर विचार कर रहा है। शंकर ने मौद्रिक समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि डिजिटल मुद्रा लाने की तिथि बताना मुश्किल है। हम निकट भविष्य, संभवत: इस साल के अंत तक इसका मॉडल ला सकते हैं। इससे पहले 22 जुलाई को शंकर ने कहा था कि इस तरह की मुद्रा आगे चलकर सभी केंद्रीय बैंकों के शस्त्रागार में होगी। केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा पर काफी साल से काम चल रहा है। इस दौरान निजी क्रिप्टोकरेंसी (Criptocurrency) मसलन बिटकॉइन (Bitcoin) काफी लोकप्रिय हुई है, जो ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी (blockchain technology) पर आधारित है। इसी संवाददाता सम्मेलन में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने स्पष्ट किया कि केंद्रीय बैंक निजी डिजिटल मुद्रा को लेकर लगातार चिंतित है और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है।