RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 10.5 रहने का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है।;
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत उदार रुख को बनाये रखा है। जिसका मतलब है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर कोविड-19 संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये नीतिगर दर में कटौती की जा सकती है। वहीं आरबीआई ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक अप्रैल से शुरू अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा। यह अनुमान केंद्रीय बजट में जतायी गयी संभावना के अनुरूप है।
क्या बोले शक्तिकांत दास
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि नीतिगत दर रेपो को आम सहमति से 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने का निर्णय किया गया है। रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर ही रखी गयी। रेपो वह दर है जिसपर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन का उधार देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर बैंक अपना जमा राशि केंद्रीय बैंक के पास रखते हैं। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को यथवत रखने का निर्णय किया। साथ ही नरम रुख को बरकरार रखने का फैसला किया।
भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद
मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ने कहा कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद है। इसको देखते हुए खुदरा मुद्ररस्फीति चालू तिमाही में कम होकर 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है। वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.3 प्रतिशत पर रह सकती है। उन्होंने कहा कि वृद्धि परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और टीकाकरण अभियान से आर्थिक पुनरूद्धार को गति मिलेगी। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट की घोषणा के बाद आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 10 से 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि सरकार मार्च अंत तक मुद्रास्फीति लक्ष्य की समीक्षा करेगी।