छटनी से लेकर सैलरी कटौती का SBI पर पड़ेगा सबसे कम असर, जानिए क्यों

भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन ने किया दावा। ज्यादा असर न पड़ने के पेश किये आंकड़े;

Update: 2020-06-22 09:57 GMT

भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शेयरधारकों (Share Holder's) को आश्वासन दिया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वेतन में होने वाली कटौतियों और छटनियों का भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लोन कारोबार पर अपेक्षाकृत कम दबाव होगा। उन्होंने शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि बैंक के पास सरकारी और अर्द्ध सरकारी क्षेत्र का ठीक-ठाक कारोबार है। इस कारण वेतन कटौतियों और छंटनियों का बैंक के कारोबार पर तुलनात्मक कम असर होगा।

बैंक के चेयरमैन ने कहा कि हमें इस बात का विश्वास है कि आर्थिक दिक्कतों के बावजूद (SBI) एसबीआई द्वारा 2019-20 में हासिल किया गया मजबूत प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष में भी जारी रहेगा। "आर्थिक दिक्कतों के बावजूद बैंक कोविड-19 महामारी से शुरू हुई चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए अच्छी तरह से तैयार है। मुझे उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019-20 में हासिल किया गया बेहतर प्रदर्शन वित्त वर्ष 2020-21 में भी जारी रहेगा।''

हालांकि कुमार ने माना कि कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) का कारोबार पर पूरा असर चालू वित्त वर्ष में ही देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बैंक के दृष्टिकोण से, कोविड महामारी के वास्तविक प्रभाव को लेकर बैंक के ग्राहकों के व्यवहार पर प्रभाव और पोर्टफोलियो की संरचना पर विचार करना चाहिये। उन्होंने कहा, ''उदाहरण के लिये, नौकरी में संभावित छंटनियों और वेतन में कटौती का एसबीआई के कारोबार पर अपेक्षाकृत कम असर होगा, क्योंकि बैंक के पास सरकारी व अर्ध सरकारी क्षेत्र के ग्राहकों अनुपात अधिक है।'' कुमार ने कहा, "अभी तक केवल 21.8 फीसदी ग्राहकों ने ही कर्ज की किस्तें चुकाने में मोहलत (मोरेटोरियम) का लाभ उठाया है। इसके अलावा, बैंक लॉकडाउन के दौरान 98 प्रतिशत शाखाओं के संचालन के साथ-साथ 91 प्रतिशत वैकल्पिक चैनल संचालन क्षमता हासिल करने में सक्षम था।" फिर भी, व्यवधानों को प्रबंधित करने के लिये एक विस्तृत व्यापार निरंतरता योजना (BCP) आवश्यक है 

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