अब Toyota का न से हां में बदला भारत में कंपनी के विस्तार का फैसला, 2000 करोड़ से भी ज्यादा का करेगी निवेश
ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा अगले कुछ सालों में भारत में करेगी 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश। कार पर टैक्स को लेकर नाराज थे कंपनी के अधिकारी। हाल ही में भारत में कंपनी का विस्तार न करने का किया था दावा।;
देश की बडी ऑटो कंपनियों में शुमार जापान की (Toyota Motor's Corporation) टोयोटा मोटर्स कॉरर्पोशन ने हाल ही में भारत में अपने कारोबार विस्तार पर विराम लगाने का एक बयान दिया था। जिसको लेकर कंपनी तेजी से चर्चा में आ गई थी, लेकिन अब कंपनी ने अपने इस बयान को वापस लेते हुए कहा कि वह अगले कुछ सालों में भारत में 2000 करोड़ से भी ज्यादा का निवेश कर अपनी कंपनी का विस्तार करेगी। इसकी वजह कंपनी ने खुद को भारत के साथ प्रतिबद्ध बताया है। कंपनी यह 2 हजार करोड़ रुपये अपनी टेक्नॉलजी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर करेगी। जिसका इस्तेमाल घरेलू और एक्सपोर्ट मार्केट्स के लिए किया जा सकेगा।
पिछले 23 सालों से भारत में व्यापार कर रही है ऑटोमोबाइल कंपनी
दरअसल, जापान की ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा ने आज से 23 वर्ष पूर्व भारत में अपने कारोबार का विस्तार किया था। कंपनी लगातार यहां अपना व्यापार कर रही थी, लेकिन इसबीच ही आये कोरोना और लॉकडाउन के बाद से कंपनी की बिक्री दर बुरी तरह से प्रभावित हुई है। जिसके बाद कंपनी ने भारत सरकार द्वारा वाहनों पर लगे टैक्स को कम करने की गुहार लगाने के साथ ही इसे कम न करने की स्थिती में अपना व्यापार समेटने की बात कही थी। वही अब टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के मैनेजिंग डायरेक्टर मसाकाजू योशीमूरा ने एक बयान में कहा कि उनकी कंपनी भारत में अपने कारोबार के प्रति कटिबद्ध है। कंपनी को भारत की आर्थिक संभावनाओं पर पूरा भरोसा है। इसलिए कंपनी यहां अपना पूरा योगदान देगी। उन्होंने कहा कि कंपनी काफी समय से भारत में कारोबार कर रही है। इसी लिए उसने 'ग्रो इंडिया-ग्रो विद इंडिया' की भावना के अनुरूप ही काम किया है।
यह था विवाद, कंपनी ने विस्तार से कर दिया था इनकार
बता दें कि टोयोटा की स्थानीय यूनिट टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने हाल में कहा था कि कंपनी भारत में अपने कारोबार विस्तार नहीं करेगी। इसकी वजह उन्होंने भारत सरकार द्वारा वाहनों पर ज्यादा टैक्स वसूलना बताया था। उनके इस बयान को मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। इसकी वजह जहां सरकार लगातार जीडीपी को उठाने के लिए दूसरे विदेशी कंपनियों का भी भारत में अपना प्लांट लगाने के लिए आकर्षित कर रही हैं। वहीं टोयोटा का यहां विस्तार से इनकार करना बडी चीज थी। वहीं