कोरोना महामारी से मुकाबला करने ये IT कंपनी फिर आई आगे, एक हजार करोड़ रुपये की देगी सहायता

प्रेमजी ने बांबे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुये कहा कि अतिरिक्त अनुदान प्राथमिक तौर पर सभी के टीकाकरण के लिए दिया जाएगा।;

Update: 2021-07-07 05:31 GMT

मुंबई। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी विप्रो (Wipro) की परमार्थ इकाई ने कोविड महामारी (Corona Virus Pendamic) का मुकाबला करने के लिए शुरुआत में दिए गए 1,125 करोड़ रुपये के अतिरिक्त 1 हजार करोड़ रुपये की और सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है। कंपनी के संस्थापक चेयरमैन अजीम प्रेमजी (Azeem Premji) ने इस बारे में जानकारी दी। प्रेमजी ने बांबे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी (Bombay Chartered Accountants Society) के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी घोषणा करते हुये कहा कि अतिरिक्त अनुदान प्राथमिक तौर पर सभी के टीकाकरण (Vaccination) के लिए दिया जाएगा।

पहले भी कर चुके हैं सहायता

पिछले साल जब कोरोना वायरस शुरू हुआ था तब Wipro ने महामारी से लड़ने के लिये 1,125 करोड़ रुपये की सहायता दी थी। इसमें पुणे स्थित कंपनी के कार्यालय को अस्पताल में परिवर्तित करना भी शामिल था। प्रेमजी ने कहा कि हमारे काम के साथ साथ जैसे जैसे स्थिति बदलती चली गई, हमने महसूस किया है कि सभी का टीकाकरण भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी की दूसरी पहलें। इसलिए हमने Covid-19 राहत रणनीति में एक और महत्वपूर्ण कार्य को जोड़ा है और इसके लिये 1 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की प्रतिबद्धता जताई है।

अपनी संपत्ति धर्मार्थ कार्यों को देने की इच्छा जताई

प्रेमजी ने महामारी को सदियों में एक बार होने वाली घटना बताया और इसके लिये सभी उपलब्ध संसाधनों को साथ लेकर लड़ने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि इसके शुरुआती दिनों में ही इस महामारी से लड़ने के लिये मानवीय और स्वास्थ्य के पहलू को लेकर योजना तैयार कर ली गई थी। प्रेमजी ने अपनी पूरी 80 अरब डालर से अधिक की संपत्ति को धर्मार्थ कार्यों के लिये देने की प्रतिबद्धता जताई है। उनका शिक्षा पर खास जोर रहा है। समझा जाता है कि वह बच्चों को बिना परीक्षा के अगली कक्षाओं में बिठा दिये जाने के सख्त खिलाफ हैं और स्कूल के दिनों का जो नुकसान हुआ है उस पर उपयुक्त ध्यान दिया जाना चाहिये।

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