कोरोना और लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था का होगा भारी नुकसान, हर व्यक्ति की जेब पर पड़ेगा 7 हजार रुपये का असर
लॉकडाउन के बीच देश की अर्थव्यवस्था में करीब 10 लाख करोड रुपये नुकसान का दावा, हर देशवासी की जेब पर पड़ रहा है इसका असर;
दुनिया भर में फैली कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया है। इसकी वजह से देश के सभी दुकानों से लेकर उद्योगों को बंद कर दिया गया है। जिसके चलते देश की अर्थव्यवस्था (GDP) को भारी नुकसान पहुंचा है। एक घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil)का दावा है कि करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिसका प्रति व्यक्ति अनुमान निकाले तो 7 हजार रुपये के आसपास बैठता है। यानि हर किसी की जेब में आने वाली 7 हजार रुपये की राशि को कोरोना ने खत्म कर दिया।
कोरोना ने देश की जीडीपी को भी दिया झटका
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए देश में पहली बार जारी हुए लॉकडाउन (Lockdown) ने देश की जीडीपी (GDP) को भी गिरा दिया है। यह दावा क्रिसिल की रिपोर्ट में किया गया है। जिसके अनुसार, भारत की 2020-21 की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा कम करते हुए 1.8 प्रतिशत कर दिया। एजेंसी के मुताबिक, कोविड-19 संकट के बीच सरकार की अब तक की प्रतिकिया की आलोचना की है। जिसमें सरकारी समर्थन में जबरदस्त वृद्धि होनी चाहिए। एजेंसी ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में छह प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्ति किया था। जिसे मार्च अंत में घटाकर 3.5 प्रतिशत और अब 1.8 प्रतिशत पर ला दिया गया है।
देश में 29 साल में सबसे कम जीडीपी ग्रोथ
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत की 2020-21 की आर्थिक वृद्धि घटकर 1.9 प्रतिशत है। यह पिछले 29 साल में सबसे कम वृद्धि होगी। उधर, इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक ने भी कुछ कदम उठाए हैं। जिसमें ब्याज दर कम करने के साथ ही तरलता बढ़ाने के उपाय भी शामिल हैं।