Ayodhya Land Dispute : रामलला के वकील का दावा, बाबरी विंध्वंस के वक्त गिरे थे संस्कृत में लिखे स्लैब
अयोध्या में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई जारी है। 6 अगस्त से लगातार इस मामले को सुना जा रहा है। शुरूआती दिनों में निर्मोही अखाड़ा ने अपना पक्ष रखा, उसके बाद रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यानाथन ने अपना पक्ष रखना शुरू किया है। इसके पहले अदालत ने हफ्ते में तीन दिन के बजाय पांच दिन मामला सुनने को कहा इसपर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई जिसपर कोर्ट ने कहा कि जब छुट्टी चाहिए आप कोर्ट में बता देंगे तो मिल जाएगा। मंगलवार को रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन एकबार फिर से अपना पक्ष रख रहे हैं....;
अयोध्या में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई जारी है। 6 अगस्त से लगातार इस मामले को सुना जा रहा है। शुरूआती दिनों में निर्मोही अखाड़ा ने अपना पक्ष रखा, उसके बाद रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यानाथन ने अपना पक्ष रखना शुरू किया है। इसके पहले अदालत ने हफ्ते में तीन दिन के बजाय पांच दिन मामला सुनने को कहा इसपर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई जिसपर कोर्ट ने कहा कि जब छुट्टी चाहिए आप कोर्ट में बता देंगे तो मिल जाएगा। मंगलवार को रामलला विराजमान के वकील वैद्यनाथन एकबार फिर से अपना पक्ष रख रहे हैं....
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रामलला के वकील ने पांचों जजों के सामने पाञ्चजन्य के एक रिपोर्टर की एक रिपोर्ट को पढ़ा, उसके बाद कहा कि 6 दिसंबर 1992 में जब बाबरी का ढांचा गिराया गया था तो स्लैब वहां से गिर रही थी जिसमें संस्कृत भाषा में कुछ लिखा था। इन स्लैबों को पुलिस ने जब्त कर लिया था।
रामलला के वकील के इस दावे पर जस्टिस बोबड़े ने उनसे पूछा कि वो स्लैब कहां से मिले थे? इसके तुरंत बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी स्लैब को लेकर पूछा कि क्या इस शिलालेख को कोई अभी तक चैलेंज किया है?
इसपर सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि शिलालेख की प्रमाणिकता को चैलेंज नहीं किया जा सकता। बल्कि सवाल तो इसपर उठाया गया है कि स्लैब वहां से मिला भी है या नहीं। इसके बाद रामलला के वकील ने 1950 में खीची तस्वीरों को अदालत के सामने पेश किया।
रामलला के वकील द्वारा पेश की जा रही दलीलों पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या ये सब ASI के द्वारा इकट्ठा किया गया था, इसपर रामलला के वकील ने कहा कि ASI काफी बाद में आई। उन्होने कहा कि मस्जिद को बनाने के लिए मंदिर तोड़ा गया था। ASI रिपोर्ट को लेकर बोलते हुए वैद्यनाथन ने कहा मगरमच्छ, कछुऔं का भी जिक्र किया और इनका मुसलमान कल्चर से मतलब नहीं था।
रामलला के वकील वैद्यनाथन ने पुराने इतिहास की बात करते हुए कहा कि 1114 से लेकर 1155 तक साकेत मंडल का राजा गोविंदचंद्र था। अयोध्या इनकी राजधानी हुआ करती थी। रामलला के वकील ने बताया कि यहां भगवान विष्णु हरि का बड़ा मंदिर था जिसका उल्लेख पुरातत्वविदों ने भी व्यापक जानकारी इकट्ठा करते हुए इसकी पुष्टी की थी।
सी.एस वैद्यनाथन ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील जमीन के नीचे किसी तरह के अवशेष की बात से सीधा इंकार किया। लेकिन बाद में उन्होने का कहा कि जमीन के नीचे जो ढांचा मिला है वह इस्लामिक ढांचा है। वहीं रामलला के वकील ने कहा कि पुरातत्व की रिपोर्ट के मुताबिक विवादित जमीन के नीचे मंदिर था, पुरातत्व की इस रिपोर्ट पर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी सहमत था।
अयोध्या विवाद को लेकर जारी सुनवाई में रामलला विराजमान के वकील सी.एस वैद्यानाथन ने अपना तर्क रखना शुरू किया। उन्होंने तर्क के साथ साथ अदालत में पुरातत्व विभाग की खुदाई में जो सबूत मिले थे उसे पांचों जजों के सामने रखा।